नई दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 26 सितंबर को नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई है। इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हुए। 9 अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी पहुंचे हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल नहीं पहुंचे। शिवराज बालाघाट और मंडला में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई कार्य योजना की जानकारी देंगे।
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा
जानकारी के मुताबिक, शाह नक्सलवाद की समस्या से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही वह वर्तमान में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की समीक्षा भी करेंगे। शाह नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क, पुल, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसे विकास कार्यों का भी जायजा लेंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में विभिन्न विकास कार्यों और पुलिस व अन्य विभागों में भर्ती अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि नक्सली गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
5 साल में नक्सल वारदातों में एक हजार लोग मारे गए
देश के 90 जिले नक्सलवाद प्रभावित हैं। 2019 में 61 जिलों में नक्सली हिंसा दर्ज की गई थी तो 2020 में यह संख्या 45 बची। मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला के बाद डिंडौरी जिले के तीन थानों को फिर से नक्सल प्रभावित घोषित किया गया है। डिंडौरी के समनापुर, बजाग और करंजिया थाने के साथ ही अमरपुर और गोपालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची में जोड़ा गया था। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 से 2020 तक नक्सली हिंसा की घटनाओं में करीब 380 सुरक्षाकर्मी, 1000 नागरिक और 900 नक्सली मारे गए। इसी अवधि में 4200 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण (Surrender) भी किया।
इन राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल होंगे
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी।