नई दिल्ली. गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर (J&K) के दौरे पर पहुंचे। वे यहां 3 दिन रहेंगे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद शाह का ये पहला कश्मीर दौरा है। यात्रा का मकसद राज्य के विकास कार्यों की समीक्षा बताया जा रहा है। लेकिन जिन हालात में उनका ये दौरा हो रहा है, उसे देखते हुए उनकी ये विजिट (Visit) को काफी अहम मानी जा रही है। शाह शहीद जवान के घर पर भी गए।
पाक को संदेश देने की कोशिश
शाह का ये दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब बीते दिनों में आतंकी घाटी में मजदूरों और अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। आतंकी हमलों के बाद लोगों में खौफ भी बढ़ गया है। कई प्रवासी मजदूर और अल्पसंख्यक हिंदू घाटी छोड़कर जा रहे हैं। ऐसे में शाह का दौरा अल्पसंख्यकों में भरोसा जगा सकता है। शाह के दौरे के जरिए पाकिस्तान को ये संदेश देने की कोशिश भी होगी कि वो कितना ही आतंक फैलाए, भारत अपने लोगों का हौसला डिगने नहीं देगा।
उधर, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पाकिस्तान का विरोध बढ़ रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा के बीच तनातनी चल रही है। ऐसे में शाह के दौरे को आतंक पर आखिरी वार की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
शाह शहीद के घर पहुंचे
शाह ने सोशल मीडिया पर कहा कि शहीद जवान परवेज अहमद के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुझे और पूरे देश को उनकी बहादुरी पर गर्व है। उनके परिजन से भेंट की और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी दी। मोदी जी ने जो नए जम्मू-कश्मीर की कल्पना की है, उसे साकार करने के लिए J&K पुलिस पूरी तन्मयता से कोशिश कर रही है।