BHOPAL.कहा जाता है कि सच्चा दोस्त आपकी जिंदगी संवार देता है। लाइफ में एक अच्छा दोस्त हो तो आप हर मुश्किल से आसानी से बाहर निकल सकते हैं। द सूत्र राष्ट्रीय मित्रता दिवस (National Friendship Day) के मौके पर कुछ ऐसी कहानियां लाया है, जो एक अच्छी दोस्ती का उदाहरण बन गईं। ऐसी दोस्तियां जो आज मिसाल बन गईं...
पापा ने बताया कि रतन टाटा भी डॉग लवर हैं- शांतनु नायडू
कहते हैं दोस्ती जाति-धर्म, बड़ा-छोटा, अमीर-गरीब देखकर नहीं होती। वजह कोई भी हो समानता महसूस होनी चाहिए। भारत के सबसे बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट रतन टाटा (84) और उनके असिस्टेंट शांतनु नायडू (29) की दोस्ती भी कुछ ऐसी ही है। दोनों के बीच दोस्ती होनी की वजह ये है कि दोनों को कुत्तों से बहुत प्यार है।
दरअसल, एक समय था जब शांतनु स्ट्रीट डॉग्स को बचाते थे। उन्होंने स्ट्रीट डॉग्स के लिए एक ऐसा पट्टा बनाया जो ड्राइवरों को दूर से ही दिखाई दे। इस बारे में खुद टाटा के न्यूज लेटर्स ने भी छापा था। फिर क्या था, शांतनु ने रतन टाटा को एक लेटर भेजा। इस लेटर में लिखा था कि मेरे पापा ने बताया कि आपको भी कुत्तों से बहुत प्यार है। इस लेटर के जवाब में रतन टाटा ने शांतनु को मिलने बुलाया। फिर कुछ समय बाद उन्होंने शांतनु को अपना असिस्टेंट भी बना लिया। बस फिर क्या, शांतनु नायडू अब रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त बन गए हैं। शांतनु अक्सर रतन टाटा के साथ कंधे पर हाथ रखकर सोशल मीडिया पर फोटोज डालते रहते हैं।
सेलेना गोमेज और फ्रांसिया रेजा
सेलेना गोमेज और फ्रांसिया रेजा की दोस्ती कुछ ऐसी जिसने ये साबित किया वक्त आने पर दोस्त ही दोस्त के काम आता है। दरअसल, सेलेना, लुपस नाम की एक बीमारी से परेशान थीं। इस बीमारी के चलते उनका किडनी ट्रांसप्लांट होना बहुत जरूरी था। यदि समय पर किडनी ट्रांसप्लांट नहीं होता तो शायद वे आज हमारे बीच नहीं होतीं। ऐसे में सेलेना की बेस्ट फ्रेंड फ्रांशिया रेजा ने सेलेना का साथ नहीं छोड़ा। फ्रांशिया ने 2018 में सेलेना के लिए अपनी किडनी डोनेट कर दी। ये ट्रांसप्लांट सक्सेसफुल रहा और आज सेलेना गोमेज अपने म्यूजिक से दुनियाभर छाई हुई हैं।
सेलेना ने 2018 में इंस्टाग्राम पर अपने फैन्स के लिए एक पोस्ट जरिए किडनी ट्रांसप्लांट की न्यूज शेयर की थी। इसमें उन्होंने फ्रांसिया के साथ हॉस्पिटल की एक तस्वीर डालकर फ्रांसिया को थैंक्यू भी कहा था।
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जेसी ओवंस और लुडविग लॉन्ग
ये उन दो दोस्तों की कहानी है, जिन्होंने हिटलर के तानाशाह राज में अपनी दोस्ती की नींव जमाई थी। दरअसल, हिटलर अश्वेतों को दोयम दर्जे का मानता था। अमेरिकी एथलीट जेसी ओवंस हिटलर की नफरत के केंद्र में थे। वजह एक ही थी- जेसी गजब के एथलीट थे और उनका मुकाबला जर्मन लुडविग लॉन्ग के साथ होना था।
लॉन्ग जंप में आपको 3 क्वालिफाइंग जंप और 3 फाइनल जंप मिलती हैं। 2 क्वालिफाइंग जंप में जेसी ओवर स्टेपिंग कर गए थे। जंप करने के लिए आपको जंप लाइन के पीछे से कूदना होता है। जेसी दो बार ओवर स्टेपिंग कर गए थे। उनकी तीसरी कोशिश से पहले ही लुडविग उनसे मिले और कहा कि ओवर स्टेपिंग से बचना है तो जंप लाइन के थोड़ा पीछे से जंप करो। बस, फिर क्या था.. तीसरी और आखिरी कोशिश में जेसी क्वालिफाई कर गए। फाइनल में जेसी को गोल्ड और लुडविग ने सिल्वर जीता। लुडविग ने ओवंस को बधाई दी, दोनों एक-दूसरे का हाथ थामकर मेडल लेने भी गए।
हिटलर खुद मुकाबला देखने पहुंचा था। बाद में जेसी ने कहा कि हिटलर के देश में एक अश्वेत के लिए दोस्ती का हाथ बढ़ाना हिम्मत का काम था। जब मैंने लुडविग से हाथ मिलाया तो हिटलर दिमाग में था ही नहीं। जो मेरा सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी था, उसी ने मुझे जिताया। लुडविग की दोस्ती में मैंने 24 कैरेट का खरा सोना पाया जो मेरे सारे गोल्ड मेडल गलाने से भी नहीं मिल सकता था। सेकंड वर्ल्ड वॉर में लुडविग लॉन्ग का निधन हो गया। बाद में जेसी ने दोस्ती लुडविग के बेटे के साथ निभाई।
सेरेना विलियम्स और कैरोलीन वॉजनिएक
ये उन दो एथलीट्स की दोस्ती की कहानी जिन्होंने अपने करियर में एक दूसरे के खिलाफ 11 टूर्नामेंट्स खेले। जब बात खेल या किसी प्रतियोगिता की हो तब हार जीत तो लगी ही रहती है। लेकिन सेरेना विलियम्स और कैरोलीन वॉजनिएक की दोस्ती कभी नहीं हारी, दोनों हमेशा एक दूसरे के साथ रहीं, भले ही दोनों टेनिस कोर्ट एक दूसरे के ऑपोजिट ही क्यों ना हों। एक बार की बात है जब कैरोलीन का उनके मंगेतर के साथ ब्रेकअप हो गया था। ये ब्रेकअप कोई आम ब्रेकअप नहीं था। कैरोलीन का ये पब्लिक ब्रेकअप था, इसके चलते उन्हें काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा था। तब सेरेना ने कैरोलीन का साथ निभाया था। इस दौरान दोनों ही एक दूसरे अगेंसट टूर्नामेंट खेल रहीं थीं।