इसरो: EOS-3 सैटेलाइट लॉन्च, क्रायोजनिक इंजन में खराबी आने से मिशन फेल

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इसरो: EOS-3 सैटेलाइट लॉन्च, क्रायोजनिक इंजन में खराबी आने से मिशन फेल

हैदराबाद. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो (ISRO) ने 12 अगस्त सुबह 5.45 बजे अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (EOS-3) की लॉन्चिंग की। GSLV-F10 रॉकेट ने उड़ान भरी, लेकिन मिशन वक्त से 10 सेकंड पहले ही खराब हो गया। मिशन कंट्रोल सेंटर को रॉकेट के तीसरे स्टेज में लगे क्रायोजेनिक इंजन से सिग्नल और आंकड़े मिलने बंद हो गए थे। कुछ देर तक वैज्ञानिक आंकड़ों के मिलने और ज्यादा जानकारी का इंतजार करते रहे। फिर मिशन डायरेक्टर ने इसरो चीफ डॉ. के सिवन को सारी जानकारी दी। इसके बाद इसरो प्रमुख ने कहा कि क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी खामी पता चली है, जिसकी वजह से यह मिशन पूरी तरह से सफल नहीं हो पाया। इस सैटेलाइट को आई इन द स्काई यानी आसमान में आंख कहा जा रहा था।

तो आज से ही काम करने लगता

अगर यह मिशन (Mission) कामयाब होता तो सुबह करीब साढ़े दस बजे से यह सैटेलाइट भारत की तस्वीरें लेना शुरू कर देता। इस लॉन्च के साथ इसरो ने पहली बार तीन काम किए थे। पहला- सुबह पौने छह बजे सैटेलाइट लॉन्च किया। दूसरा- जियो ऑर्बिट यानी भूस्थैतिक कक्षा (Geostatic Orbit) में अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट को स्थापित करना था। तीसरा- ओजाइव पेलोड फेयरिंग यानी बड़े उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना।

EOS अब तक का सबसे भारी सैटेलाइट

EOS-3 को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-एफ 10 (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle-F10) से लॉन्च किया गया। यह रॉकेट 52 मीटर ऊंचा और 414.75 टन वजनी था। इसमें तीन स्टेज थे. यह 2500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट को जियोट्रांसफर ऑर्बिट तक पहुंचाने की क्षमता (Capability) रखता है। EOS-3 सैटेलाइट का वजन 2268 किलोग्राम है। EOS-3 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। जियोट्रांसफर ऑर्बिट में जाने के बाद सैटेलाइट अपने ईंधन (प्रोपेलेंट) से खुद अपनी तय कक्षा में स्थापित होता, लेकिन वह पहुंच ही नहीं सका।

अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट का इतिहास

1979 से लेकर अब तक 37 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट्स (Satellites) छोड़े गए। इनमें से दो लॉन्च के समय ही फेल हो गए थे। इसरो पहले इसकी लॉन्चिंग 5 मार्च को करने वाला था, पर कुछ तकनीकी कारणों से इस टाल दिया गया। फिर खबर आई कि ये सैटेलाइट 28 मार्च को लॉन्च किया जा सकता है, लेकिन इसे फिर टालकर 16 अप्रैल कर दिया गया है, लेकिन उस समय भी लॉन्चिंग टल गई। अब 12 अगस्त को हुई लॉन्चिंग भी नाकाम रही।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO chief Mission डॉ. के सिवन इसरो प्रमुख जीएसएलवी GSLV EOS-3 अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट The Sootr ISRO