मेडिकल कॉलेजों ने नियम तोड़े तो 1 करोड़ का जुर्माना-मान्यता रद्द, मरीजों के रिकॉर्ड गलत दिखाने वालों डॉक्टरों पर 5 लाख का जुर्माना

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Pratibha Rana
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मेडिकल कॉलेजों ने नियम तोड़े तो 1 करोड़ का जुर्माना-मान्यता रद्द, मरीजों के रिकॉर्ड गलत दिखाने वालों डॉक्टरों पर 5 लाख का जुर्माना

New Delhi. मेडिकल कॉलेजों में बढ़ती फीस और मरीजों के इलाज में धांधली की मिल रही शिकायतों के बाद सख्ती शुरू हो गई है। कानूनी प्रविधानों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के नियमों की अनदेखी करने वाले चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेजों) के खिलाफ हर नियम के उल्लंघन पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसी के साथ मान्यता भी रद्द की जा सकती है। मरीजों के रिकॉर्ड सहित गलत घोषणा, दस्तावेज और अभिलेख प्रस्तुत करने वाले संकाय, विभागाध्यक्ष, डीन, निदेशक और डॉक्टर पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर भी दायरे में

एनएमसी के नए नियमों में कहा गया है कि उनपर रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (पेशेवर आचरण) नियमन और चिकित्सा शिक्षा मानकों के रखरखाव नियमन 2023 के तहत कदाचार के लिए भी आरोप लगाया जा सकता है या दंडित किया जा सकता है। चिकित्सा शिक्षा और इस पेशे के सर्वोच्च नियामक संस्थान की ओर से अधिसूचित नए नियमों में इसकी जानकारी दी गई है।

मान्यता भी हो सकती है रद्द

27 सितंबर को अधिसूचित किए गए नए नियमों में कहा गया है कि यदि कोई मेडिकल कॉलेज एनएमसी के संबंधित बोर्ड द्वारा निर्धारित वैधानिक प्रविधानों और नियमों का पालन करने में विफल रहता है तो आयोग पांच शैक्षणिक वर्षों के लिए उसकी मान्यता रोक सकता है और वापस भी ले सकता है।

दबाव डालने का कोई भी प्रयास नहीं कर सकेंगे

किसी व्यक्ति या एजेंसी के माध्यम से अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल एग्जामिनेशन बोर्ड (यूजीएमईबी), पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (पीजीएमईबी) या एनएमसी पर दबाव डालने का कोई भी प्रयास किए जाने पर चिकित्सा संस्थान के सभी आवेदनों को तत्काल रोक दिया जाएगा।

वार्षिक रिपोर्ट का मूल्यांकन भी होगा

अधिसूचना में कहा गया है, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के समग्र उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित बोर्ड (पीजीएमईबी या यूजीएमईबी) यह सत्यापित करने के लिए वार्षिक रिपोर्ट का मूल्यांकन कर सकता है कि मेडिकल कालेज या चिकित्सा संस्थान न्यूनतम आवश्यकता मानक के माध्यम से निर्धारित आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं।

मप्र में 14 सरकारी और 10 निजी मेडिकल कॉलेज

13 अगस्त 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में एनएमसी द्वारा अनुमोदित 14 सरकारी और 10 निजी मेडिकल कॉलेज हैं। प्रदेश में चुनावी साल में चार आदिवासी जिलों समेत 6 नए मेडिकल खोले जाएंगे। इन कॉलेजों के खोलने के बाद प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 30 पहुंच जाएगी। एमपी एमबीबीएस-बीडीएस प्रवेश-2023 में एमबीबीएस की 4,180 सीटें और बीडीएस की सीटें 1,090 रही हैं। दूसरी ओर, एमपी नीट प्रवेश के लिए कॉलेजों की संख्या की बात की जाए तो इसमें 14 सरकारी और 24 निजी कॉलेज हैं।


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