NEW DELHI. शुक्रवार, 3 नवंबर को बिग बॉस ओटीटी-2 विनर और फेमस यूट्यूबर विनर एल्विश यादव पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 49 थाने में केस दर्ज किया है। नोएडा पुलिस के मुताबिक आरोपियों के पास 20 मिलीलीटर सांप का जहर, 5 जीवित कोबरा, एक अजगर, 2 दो मुंह वाले सांप और एक रैट स्नेक बरामद होने का आरोप लगा गया है। गौरतलब है कि इस मामले का खुलासा तब हुआ जब नोएडा पुलिस और वन विभाग की टीम ने सपेरों को गिरफ्तार किया। जानकारी के मुताबिक उनके पास 5 कोबरा और कुछ जहर भी बरामद किए गए। इन सपेरों ने ही पुलिस को एल्विश यादव के बारे में सूचना दी। इसके बाद से नोएडा पुलिस एल्विश के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल में जुट गए।
क्या है सांप के जहर का इस्तेमाल?
सांप के जहर के मनोरंजन उपयोग के बारे अभी ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है। लेकिन 2018 के एक केस स्टडी के मुताबिक Opioids के सब्सटीट्यूड के रुप में सांप का जहर इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि Opioids एक ऐसी दवाई हैं, जो लगातार या गंभीर दर्द के इलाज के लिए सांप का जहर उपयोग में लाया जाता है। यह जानकारी अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में छपी एक केस रिपोर्ट और साहित्य की समीक्षा के रिपोर्ट में दी गई है।
एल्विश सहित गैंग में शामिल अन्य सदस्य पर हुआ केस दर्ज
वहीं इस मामले में बीजेपी नेता मेनका गांधी ने भी दावा करते हुए कहा है कि एल्विश यादव इस पूरे मामले में शामिल थे। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि किस तरह इस घटना का खुलासा किया गया। ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है कि अगर एल्विश के गुनाह साबित होते हैं तो उन्हें कितने साल की सजा होगी। गौरतलब है कि मेनका गांधी ने इस मामले में मीडिया से बातचीत करने के दौरान बताया कि अगर एल्विश का आरोप साबित होता है तो उन्हें सात साल की सजा हो सकती है। बता दें कि पुलिस ने बिग बॉस ओटीटी-2 के विनर और फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव और गैंग के बाकी सदस्यों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधियनियम 1972 की धारा-9, 39, 48ए, 49, 50 और 51 के तहत केस दर्ज किया गया है। ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं। बता दें कि इस मामले में पांच आरोपियों की पहचान टीटूनाथ, राहुल, जयकरण, रविनाथ और नारायण के तौर पर हुई है।
एल्विश ने किया इन सभी आरोपों का खंडन
एल्विश ने एक बयान जारी करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है कि सांप को पकड़े हुए उनकी ये वायरल तस्वीर वास्तविक तौर पर एक म्यूजिक वीडियो का एक शॉट क्लिप है। साथ ही उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसका पुरजोर खंडन किय है। साथ ही उन्होंने जांच-पड़ताल के दैरान नोएडा पुलिस को पूरा सहयोग देने की भी बात कही है। इस मामले पर उन्होंने मीडिया से भी आग्रह किया है कि इस मामले पर कोई भी रिपोर्ट जारी करने से पहले सभी तथ्यों की अच्छे से पड़ताल कर लें। एल्विश को राजस्थान पुलिस द्वारा कोटा में हिरासत में लेने के बाद छोड़ दिया गया। राजस्थान पुलिस ने कहा कि नोएडा पुलिस का कहना है कि वे वांटेड नहीं है, इसलिए उसे छोड़ दिया।
ऐसे मामलों के लिए संविधान के मुताबिक क्या नियम हैं?
भारतीय संविधान द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, वर्ष 1972 में जंगली पशुओं और पौधों की विभिन्न प्रजातियों के संरक्षण, उनके आवासों के प्रबंधन, जंगली पशुओं, पौधों तथा उनसे बने उत्पादों के व्यापार के विनियमन एवं नियंत्रण के लिए भी निमय बनाए गए हैं।