गणेश दुनगे, BURHANPUR. बुरहानपुर में इंदौर इच्छापुर नेशनल हाइवे के भोटा फाटे के टोल नाके पर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली जारी है। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा में एंट्री करने वाले ट्रक चालकों से 200 से 2 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। ट्रकों के अंडर लोड होने और सभी दस्तावेज पूरे होने के बाद भी ड्राइवरों को पैसे देने पड़ते हैं। अगर कोई ड्राइवर पैसे देने से इनकार करता है तो उसे एंट्री नहीं दी जाती है और घंटों लाइन में खड़ा करके रखा जाता है। ट्रक ड्राइवरों ने टोल नाके के कर्मचारियों पर गुंडागर्दी और मारपीट का भी आरोप लगाया है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी लिखा था पत्र
पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिखकर टोल नाकों पर हो रही अवैध वसूली पर रोक लगाने की बात कही थी। इसके बाद परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया था। द सूत्र की टीम ने जब इच्छापुर के टोल नाके पर रियलिटी चेक किया तो ट्रक ड्राइवरों का दर्द छलक पड़ा। ट्रक ड्राइवरों का कहना था कि देश के दूसरे राज्यों के चेकपोस्टों पर इस तरह की लूटमार नहीं है। यहां होने वाली जबरन वसूली न सिर्फ बुरहानपुर जिले बल्कि प्रदेश की बीजेपी सरकार की साख को भी बट्टा लगा रही है।
ट्रक ड्राइवरों का दर्द छलका
'मैं गुजरात से रुचि सोया का माल लेकर इंदौर जा रहा हूं। इच्छापुर चेकपोस्ट पर कर्मचारियों ने काउंटर पर एक हजार रुपए जमा कराए हैं। मेरा ट्रक अंडर लोड है। वाहन के सारे दस्तावेज भी हैं। कर्मचारियों का कहना था कि ट्रक गुजरात से आया है इसलिए इतने रुपए ही लगेंगे।' ( राजेश कुमार, ट्रक ड्राइवर )
'मैं महाराष्ट्र से माल लेकर आया हूं। बॉर्डर चेकपोस्ट पर ट्रक को रोककर 1200 रुपए जमा कराए गए। कर्मचारियों से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा एंट्री और तौल कांटे के शुल्क के रूप में ये राशि देनी होगी। ज्यादा बात करने पर कर्मचारी अभद्रता पर उतर आए थे।' ( प्रदीप कुमार, ट्रक ड्राइवर )
'मेरे पास ऑल इंडिया परमिट है। ट्रक और माल के सारे कागजात दिखाने के बाद भी चेकपोस्ट के काउंटर पर 700 रुपए जमा कराए गए। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर सहित सभी चेकपोस्टों में ट्रक चालकों से लूटमार की जा रही है। इस पर सरकार रोक लगाने को तैयार नहीं है।' ( तुलसीराम, ट्रक ड्राइवर )
'मैं हैदराबाद से आया हूं। इच्छापुर चेकपोस्ट पर 245 रुपए की रसीद जबरन काट दी। बाकी बचे 55 रुपए मांगे तो नाके पर तैनात कर्मचारी गाली-गलौज और मारपीट पर उतर आया। उसका कहना है कि हम लोकल के हैं। यहीं चीरकर रख देंगे। कहीं भी शिकायत कर दो।' ( मेहबूब खान, ट्रक ड्राइवर )
कर्मचारियों ने चेकपोस्ट प्रभारी का नंबर देने से किया इनकार
चेकपोस्ट प्रभारी निरीक्षक केपी अग्निहोत्री का पक्ष जानने के लिए कर्मचारियों से उनका मोबाइल नंबर मांगा गया लेकिन उन्होंने नंबर देने से साफ इनकार कर दिया। जिसके चलते उनका पक्ष सामने नहीं आ सका है। इच्छापुर चेकपोस्ट के कर्मचारियों से जब पूछा गया कि चेकपोस्ट प्रभारी निरीक्षक केपी अग्निहोत्री कब आते हैं, तो उनका कहना था कि वे माह में एक या दो बार ही यहां आते हैं। इसके अलावा जिला परिवहन अधिकारी राकेश भूरिया से भी बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। वहीं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा की चेकपोस्ट पर अवैध वसूली को लेकर हमारे संगठन ने हर जगह शिकायत की है। बीते दिनों परिवहन मंत्री से भी मुलाकात की थी। बावजूद इसके अवैध वसूली बंद नहीं हो रही है। संगठन जल्द ही हाईकोर्ट जबलपुर में याचिका लगाने वाला है। इस पर रोक लगनी चाहिए।
टोल नाके पर चल रहा कूपन का खेल
बुरहानपुर जिले की सीमा के साथ ही मध्यप्रदेश की सीमा भी समाप्त होती है। बुरहानपुर में महाराष्ट्र सीमा पर तीन चेकपोस्ट स्थापित हैं। सभी जगह अनाधिकृत रूप से स्थानीय कर्मचारी तैनात हैं। चेकपोस्ट पर तैनात ये कर्मचारी ट्रक चालकों को परिवहन विभाग के कार्यालय भवन की एक छोटी-सी खिड़की के पास भेजते हैं। जहां तय राशि जमा कराने के बाद अंदर बैठा कर्मचारी एक कूपन देता है। ये कूपन ही ट्रक के चेकपोस्ट से बाहर निकलने की चाबी होता है। कूपन नहीं दिखाने पर संबंधित ट्रक को वहीं रोक कर रखा जाता है। लगभग यही स्थिति रावेर मार्ग के बॉर्डर चेकपोस्ट पर देखने मिली।
बीजेपी सरकार पर कांग्रेस हमलावर
पूरे मामले में विपक्षी दल कांग्रेस बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष अजय रघुवंशी ने कहा कि चेकपोस्टों पर सारा खेल बीजेपी सरकार की मिलीभगत से चल रहा है। उनके ही केंद्रीय परिवहन मंत्री अवैध वसूली रोकने के लिए पत्र लिख रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री कुछ करने को तैयार नहीं हैं। ट्रासंपोर्टरों की हालत पहले ही खराब है। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
'अगर भ्रष्टाचार हो रहा है तो सख्त कार्रवाई करेंगे'
सांसद प्रतिनिधि गजेंद्र पाटिल ने कहा कि इच्छापुर चेकपोस्ट में यदि किसी तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है तो कांग्रेस को वहां जाकर आंदोलन करना चाहिए। कोई अधिकारी यदि अवैध वसूली में संलिप्त है तो मैं भरोसा दिलाता हूं कि प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस पर सख्त कार्रवाई करेंगे।