नई दिल्ली. सेंट्रल ट्रेड यूनियंस ने 28 और 29 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है। यह बंद मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ बुलाया जा रहा है। बैंकिंग, रोडवेज, बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी इस बंद में भाग लेंगे। इस बंद के चलते 28-29 मार्च को बैंकिंग सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं।
West Bengal | Members from the Left Front gather in huge numbers & block railway tracks at Jadavpur Railway Station in Kolkata, in view of the 2-day nationwide strike called by different trade unions. pic.twitter.com/WnWUTJHKNo
— ANI (@ANI) March 28, 2022
ममता सरकार ने किया बंद का विरोध: बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भारत बंद का विरोध किया है। सरकार ने 28 और 29 मार्च को किसी भी कर्मचारी को कोई आकस्मिक अवकाश या आधे दिन की छुट्टी देने से मना किया है। सरकार ने कहा कि यदि कोई कर्मचारी छुट्टी लेता है तो इसे आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई होगी।
4 दिन बैंकिंग कामकाज ठप: साप्ताहिक अवकाश के चलते बैंक पहले ही 2 दिन बंद थे। इस हड़ताल से लोगों की दिक्कतें बढ़ने वाली हैं। 26 मार्च को महीने का चौथा शनिवार था, 27 मार्च को रविवार था। लिहाजा बैंक पहले ही लगातार 2 दिन बंद रह चुके हैं। अब सोमवार (28 मार्च) और मंगलवार (29 मार्च) को हड़ताल के चलते बैंक बंद रहने वाले हैं। इस तरह लगातार 4 दिनों के लिए देश में बैंकिंग कामकाज ठप रहने वाला है।
ट्रेड यूनियंस की मांगें
12 सूत्री मांग पत्र के लिए मजदूर और किसान सालों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार के उचित कदम नहीं उठाए जाने के कारण बंद को बुलाया गया है।
1.4 श्रम कानूनों और जरूरी रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द किया जाए।
2. संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों वाले 6 सूत्री घोषणापत्र को स्वीकार किया जाए।
3. सभी तरह के निजीकरण को खत्म किया जाए।
4. जो परिवार आयकर भुगतान के दायरे के बाहर हैं, उन्हें हर महीने 7,500 रु. की सहायता दी जाए।
5. मनरेगा के लिए आवंटन बढ़ाएं जाए।
6.सभी अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रदान किया जाए।
7. आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मिल और दूसरी योजना में लगे कार्यकर्ताओं को वैधानिक न्यूनतम पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा दी जाए।