वैक्सीनेशन पर मोदी मंत्र: कवच कितना भी आधुनिक, उत्तम हो, युद्ध में हथियार नहीं डालते

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वैक्सीनेशन पर मोदी मंत्र: कवच कितना भी आधुनिक, उत्तम हो, युद्ध में हथियार नहीं डालते

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 22 अक्टूबर को राष्ट्र को संबोधित (Massage to Nation) किया। उन्होंने कहा कि जब महामारी आई तो कई सवाल उठे कि देश इसका मुकाबला कैसे करेगा। भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं। अब 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगना इन सभी बातों का जवाब है। कोरोना काल में मोदी का ये 10वां संबोधन है। 20 मिनट के मोदी के भाषण की 5 खास बातें...

भारत का वैक्सीनेशन गर्व की बात

मोदी ने कहा कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम विज्ञान की कोख में जन्मा, वैज्ञानिक आधारों पर पनपा और वैज्ञानिक तरीकों से चारों दिशाओं में पहुंचा है। हम सभी के लिए गर्व करने की बात है कि भारत का पूरा वैक्सीनेशन प्रोग्राम Science Born, Science Driven और Science Based रहा है। आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ (1 बिलियन) का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना हो रही है।

उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों का योगदान

मोदी ने कहा कल 21 अक्टूबर को भारत ने 1 बिलियन, 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन, लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त हासिल किया। इस उपलब्धि के पीछे 130 करोड़ देशवासियों की कर्तव्यशक्ति लगी है। इसलिए ये सफलता भारत की सफलता है, हर देशवासी की सफलता है। दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise (महारत) थी। भारत अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था। हम बाहर से बनवाते थे। जब 100 की सबसे बड़ी महामारी आई तो हम पर सवाल उठे कि हम महामारी से लड़ पाएंगे, लेकिन हम सफल हुए। 

वैक्सीनेशन में कोई भेदभाव नहीं

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इससे भारत को जो फार्मा हब (Pharma Hub) की पहचान मिली, उसे मजबूती मिलेगी। कोरोना महामारी की शुरुआत में यह भी आशंकाएं जताई जा रही थीं कि भारत जैसे देश में इस महामारी से लड़ना मुश्किल होगा। यह भी कहा जा रहा था कि इतना संयम कैसे चलेगा, लेकिन भारत ने मुफ्त वैक्सीनेशन का अभियान शुरू किया। गांव, शहर, सुदूर देश का एक ही मंत्र रहा कि वैक्सीन भेदभाव नहीं करती तो वैक्सीनेशन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। कोई कितना भी बड़ा हो, कितना धनी हो, उसे वैक्सीन सामान्य नागरिकों की तरह की लगेगी। 

देश एकजुट दिखा

मोदी के मुताबिक, यह भी कहा जा रहा था कि लोग टीका लगवाने आएंगे ही नहीं। दुनिया के कई देशों में यह बड़ी चुनौती बन गई है, लेकिन भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाकर सबको निरुत्तर कर दिया। हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई में जनभागीदारी को फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस बनाया। हमने ताली-थाली बजाई तो कुछ लोगों ने कहा कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी, लेकिन उससे एकजुटता की ताकत दिखी। उसी शक्ति ने देश को आज 100 करोड़ तक पहुंचा दिया।

युद्ध में हथियार नहीं डाले जाते

प्रधानमंत्री ने त्योहारों से पहले देशवासियों को कोरोना सुरक्षा को लेकर सतर्क किया और उत्सव के दौरान सावधान रहने को भी कहा।

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