नई दिल्ली. रूस और यूक्रेन में बीते 37 दिन से युद्ध चल रहा है। इस बीच, 1 अप्रैल को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये बैठक कोरोना महामारी और कठिन अंतरराष्ट्रीय हालात के बीच हो रही है। हमारे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय रिश्ते बने हुए हैं। भारत हमेशा कूटनीति के जरिए विवादों को सुलझाने के पक्ष में रहा है।
मोदी को थैंक यू: सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत और रूस सामरिक भागीदारी विकसित करते रहे हैं। ये हमारी प्रायोरिटी है। हम निश्चित रूप से वैश्विक व्यवस्था में साम्य बनाने में विश्वास रखते हैं। हमारे राष्ट्रपति ने पीएम नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं भेजी हैं। हम भारत की सराहना करते हैं कि यूक्रेन मुद्दे पर भारत एकतरफा दबाव में ना आकर पूरी सूझबूझ के साथ आगे बढ़ रहा है।
भारत को आपूर्ति करने के लिए तैयार: भारत को तेल आपूर्ति की पेशकश, रुपया-रूबल भुगतान और प्रतिबंधों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में लावरोव ने कहा कि अगर भारत हमसे कुछ भी खरीदना चाहता है तो हम चर्चा करने और पारस्परिक रूप से सहयोग तक सहमति बनाने के लिए तैयार हैं। भारत हमसे जो खरीदना चाहता है, हम उसे किसी भी सामान की आपूर्ति करने के लिए तैयार रहेंगे। हम चर्चा के लिए तैयार हैं। रूस और भारत के बीच बहुत अच्छे रिश्ते हैं।
क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? लावरोव ने कहा कि मुझे कोई संदेह नहीं है कि कोई दबाव हमारी साझेदारी को प्रभावित नहीं करेगा। वे (अमेरिका) दूसरों को अपनी पॉलिटिक्स का हिस्सा बनने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
यूक्रेन में युद्ध नहीं चल रहा: यूक्रेन में युद्ध के विकास के बारे में पूछे जाने पर लावरोव ने कहा कि आपने इसे युद्ध कहा, जो सच नहीं है। यह एक स्पेशल ऑपरेशन है। वहां आर्मी और इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य यूक्रेन एडमिनिस्ट्रेशन को रूस के लिए किसी भी खतरे को पेश करने की क्षमता से दूर करना है।