बद्दी. अब भारत को कच्चे माल के लिए चीन पर आधारित नहीं होना पड़ेगा। नालागढ़ के पलासड़ा में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) उद्योग स्थापित होगा। इसके लिए गुजरात के एक बिजनेस ने जमीन के लिए आवेदन किया था। 342 बीघा में यह प्रोजेक्ट बनऐगा।
हिमाचल का ड्रीम प्रोजेक्ट
भारत लंबे समय से कच्चे माल के लिए चीन पर आधारित थे। यह देशा का पहला उद्योग है जहां पर एंटीबायोटिक दवाइयों का सॉल्ट तैयार होगा। ये हिमाचल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। अभी तक कच्चा माल चीन से आता था। यहां पर एपीआई उद्योग खुलने से बीबीएन (औद्योगिक समूह) दवा निर्माताओं को सीधा लाभ मिलेगा। इसकी वजह निर्यात पर जो टैक्स लगता है वो भी बचेगा। देश के अन्य दवा निर्माता कंपनियों को भी बाहर से कच्चा माल नहीं मंगवाना पड़ेगा।
सबसे बड़ा फार्मा बद्दी में
बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है। पूरी प्रदेश में 750 फार्मा कंपनियां हैं। इनको कच्चा माल दूसरे देशों से मंगवाना पड़ता है। अगर यहां पर दवा कंपनियों के लिए कच्चे माल का उद्योग खुल जाता है तो एशिया के सबसे बड़ा फार्मा हब बद्दी में होगा। देश में 30 फीसदी दवाओं का उत्पादन हिमाचल प्रदेश में होता है।