/sootr/media/post_banners/8cec1125d35aa94c21186e69cdd0beb4081155818ccc677a0fd7fc18d36664c0.jpg)
New Delhi. कतर से आई एक बड़ी खबर ने राहत दी है। कतर में 26 अक्टूबर को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को सुनाई गई मौत की सजा पर फिलहाल रोक लग गई है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ लगाई गई भारत सरकार की याचिका को कतर की अदालत ने स्वीकार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जल्द ही मामले में सुनवाई की तारीख भी तय की जाएगी। भारत सरकार ने करीब 15 दिन पहले नौसैनिकों की सजा के खिलाफ अपील की थी। हालांकि, मामले में अब तक कतर सरकार या भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि की नहीं की गई है। सभी आठों अभी जेल में बंद हैं।
9 नवंबर को दाखिल की थी अर्जी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 9 नवंबर 2023 को कतर की कोर्ट में अपील दायर करने की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि भारत को इन सैनिकों से मुलाकात के लिए दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस भी मिल गया है। भारत सरकार लगातार कतर के संपर्क में है। यह बेहद संवेदनशील मामला है।
पूर्व नौसैनिकों के परिवारों की ओर से हायर कोर्ट में अपील
बागची के अनुसार, पूर्व नौसैनिकों के परिवारों की तरफ से मौत की सजा के खिलाफ हायर कोर्ट में अपील दायर की जा चुकी है। कतर में जिन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा दी गई है, उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश।
रिपोर्ट का दावा- 8 पूर्व भारतीय नौसेनिकों पर जासूसी का है आरोप
26 अक्टूबर को कतर की एक कोर्ट ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। आठों भारतीयों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार आठों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इनफॉर्मेशन इजराइल को देने का आरोप है। हालांकि, कतर ने अब तक आरोप सार्वजनिक नहीं किए हैं। 30 अक्टूबर को आठों पूर्व नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी।
कतर को मनाने के लिए भारत ले रहा तुर्किये की मदद
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार कतर को मनाने के लिए तुर्किये की मदद ले रही है। तुर्किये के कतर के शाही परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए भारत सरकार ने उसे मध्यस्थता के लिए कहा है। भारत सरकार ने मदद के लिए अमेरिका से भी बात की है। इसकी वजह ये है कि रणनीतिक तौर पर अमेरिका की कतर पर ज्यादा मजबूत पकड़ है।
सरकार को ही नहीं थी गिरफ्तारी की जानकारी
कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इंडियन नेवी के 8 पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि, भारतीय दूतावास को सितंबर के मध्य में पहली बार इनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था। 30 सितंबर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की मंजूरी दी गई थी। पहली बार कॉन्सुलर एक्सेस 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला था। इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने का मौका दिया गया था।