INTERNATIONAL DESK. ब्रिटेन में अप्रवासियों की बढ़ती तादाद पर लगाम लगाने के लिए वहां की सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अप्रवासियों के ब्रिटेन में रहकर नौकरी करने और पढ़ाई पर अपनाई जाने वाली नीति में सख्त कदम उठाने का ऐलान किया गया है। जिसके तहत विदेशी कामगारों को कौशल आधारित वीजा प्राप्त करने के लिए उच्च वेतन सीमा निर्धारित की गई है, साथ ही आश्रितों के रूप में परिवार के सदस्यों को भी लाने पर रोक लगा दी गई है।
11.6 फीसदी बाहरी छात्र
ब्रिटेन में बाहरी मुल्क के छात्रों की संख्या पर गौर किया जाए तो यह आंकड़ा 11.6 फीसदी है। जबकि चीन की बात की जाए तो वहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों का आंकड़ा 11.2 फीसदी है। जो कि दूसरे स्थान पर है। बीते 3 साल के आंकड़ों की बात की जाए तो ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या में 272 फीसदी की इजाफा हुआ है।
ऐसे पड़ेगा भारतीयों पर असर
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने संसद में एक बयान के जरिए खुलासा किया कि इस कार्रवाई के तहत वीजा पर आने वाले डॉक्टर्स अब अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अपने साथ नहीं ला पाएंगे। इसका सीधा असर भारतीयों पर पड़ेगा। वहीं कुशल श्रमिक वीजा के तहत वेतन सीमा 26200 पाउंड से बढ़ाकर 38700 ब्रिटिश पाउंड कर दी जाएगी। पारिवारिक वीजा श्रेणी के तहत आवेदन करने वालों पर भी समान वेतन राशि लागू की जाएगी। जो वर्तमान में 8600 ब्रिटिश पाउंड है। बता दें कि रोजगार के मामले में भारतीय छात्र ब्रिटेन में दूसरे स्थान पर हैं। यहां रोमानिया के 21.4 फीसदी छात्रों को पढ़ाई के बाद या साथ में नौकरी मिल जाती है। जबकि 11.9 फीसदी भारतीय छात्र यहां नौकरी पाने में कामयाब रहते हैं।
इसलिए लिया यह फैसला
बता दें कि जून 2023 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 52.530 अप्रवासी ब्रिटेन में दाखिल हुए। जिनमें से 85 फीसदी अवैध तरीके से छोटी नावों के जरिए इंग्लैंड में घुस आए। इसे देखते हुए सरकार ने यह नियम बनाए हैं। सरकार का मानना है कि इससे इमीग्रेशन पर लगाम लगने से हर साल अप्रवासियों की संख्या में 3 लाख तक की कमी आएगी। दूसरी तरफ इस फैसले का विरोध करने वाले कह रहे हैं कि इस बैन से देश के विकास पर भी असर पड़ेगा।