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DELHI. खुदरा महंगाई में तीन महीने से जारी नरमी का सिलसिला अगस्त में थम सकता है। रॉयटर्स के द्वारा किए गए सर्व में इस बात की आशंका जताई गई है। महंगाई दर के आंकड़े 12 सितंबर को आने हैं। वहीं रिजर्व बैंक की पॉलिसी समीक्षा सितंबर माह के अंत में होनी है। सर्व के मुताबिक खाद्य कीमतों में बढ़त की वजह से खुदरा महंगाई दर में गिरावट का सिलसिला थम सकता है। इस कारण महंगाई दर एक बार फिर 7 प्रतिशत के पास पहुंच सकती है। रिजर्व बैंक अपनी पॉलिसी समीक्षा के लिए खुदरा महंगाई दर पर नजर रखता है। संभावना है कि अगर महंगाई अनुमानों से तेज बढ़ती है तो रिजर्व बैंकों दरों को लेकर और सख्त रुख अपना सकता है।
RBI बढ़ा सकता है चिंता
आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों को लेकर अपनी मौद्रिक समीक्षा में खुदरा महंगाई के आंकड़ों पर नजर रखता है। आशंका है कि अगर महंगाई अनुमान से तेज बढ़ती है तो केंद्रीय बैंक दरों को लेकर और सख्त रुख अपना सकता है। सरकार अगस्त के लिए खुदरा महंगाई के आंकड़े 12 सितंबर को जारी कर सकती है। सर्वे में शामिल 45 अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगस्त में खाद्य कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला है। बढ़ती गर्मी से आपूर्ति पर असर पड़ा है, जिससे अनाज, दालों और सब्जियों की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि 2022 के मुकाबले साल 2023 आर्थिक लिहाज से खराब हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि महंगाई बढ़ने से हालात ज्यादा खराब हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने अपने बयान में भारत की विकास दर में वृद्धि को बेहतर बताया लेकिन, चेतावनी भी दी वैश्विक मंदी पूरी दुनिया के विकासशील देशों से लेकर ताकतवर देशों को अपनी चपेट में ले सकती है।
मंदी की क्या है वजह
आईएमएफ चीफ के मुताबिक, कोरोना महामारी अभी दुनिया के कई देशों में अपना दुष्प्रभाव दिखा रही है। वैक्सीन के बावजूद चीन समेत यूरोप के कई देशों में कोरोना महामारी ने व्यापार जगत के लोगों से लेकर आम लोगों तक को प्रभावित किया हुआ है। इसके अलावा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध ने दुनिया को प्रभावित किया है। यूरोपीय देशों द्वारा रूस पर बैन लगाए जाने के बाद हालात और खराब हो गए हैं। महंगाई अपने चरम पर है। जॉर्जीव का कहना है कि इन सभी महत्वपूर्ण घटनाक्रमों का असर आने वाले साल 2023 में ज्यादा पड़ सकता है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि वैश्विक मंदी आएगी या नहीं अभी यह कहना जल्दबाजी होगा।