J&K: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत की खबर, कई लापता, NDRF-ITBP रेस्क्यू में जुटीं

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Atul Tiwari
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J&K: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 श्रद्धालुओं की मौत की खबर, कई लापता, NDRF-ITBP रेस्क्यू में जुटीं

SRINAGAR. जम्मू-कश्मीर में 8 जुलाई की शाम अमरनाथ की गुफा के पास बादल फट गए। इसमें 15 श्रद्धालुओं की मौत की खबर है। इसके अलावा कई लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। हालांकि कितने लोग लापता हैं, इसकी संख्या सामने नहीं आई है। NDRF, SDRF और ITBP की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।







— TheSootr (@TheSootr) July 8, 2022





बादल फटने के बाद टैंटों के बीच से पानी का तेज बहाव निकला, जिसके बाद श्रद्धालुओं के बीच हाहाकार मच गया। इसकी चपेट में कई लोग आ गए थे। राहत और बचाव कार्य में जुटीं टीमें वहां देख रही हैं कि कुछ लोग बह तो नहीं गए। जानकारी के मुताबिक, बालटाल के रास्ते पर भी आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम लगाई थीं। वहां मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। 







— ANI (@ANI) July 8, 2022





भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई होगी चुनौती: DG, NDRF 





8 जुलाई को करीब 8-10 हजार लोग यात्रा में शामिल थे। इसी बीच शाम 5.30 बजे बादल फटने की घटना हो गई। एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल के मुताबिक, गुफा के पास 10 लोगों की मौत हो गई है। हमें बादल फटने की सूचना मिली थी। एक टीम पवित्र गुफा के पास ही है। हमने आसपास तैनात टीमों को भी वहां रवाना कर दिया है।  





रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर क्या चुनौती होगी, इसको लेकर करवाल ने बताया कि रेस्क्यू को लेकर चुनौती मौसम की है। वहां की भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई की भी चुनौती होगी, लेकिन हमारे जवान काफी ट्रेंड हैं, उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। वहीं एनडीआरएफ हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी या नहीं, इस पर करवाल ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर राज्य सरकार का होता है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड नंबर जारी करेगा। हम उनके साथ काम करेंगे। 





रेस्क्यू के बाद लोगों को कहां ले जाया जाएगा, इसके जवाब में उन्होंने बताया कि वहां काफी कैंप हैं, रेस्क्यू के बाद लोगों को वहीं लेकर जाएंगे। पैरामिलिट्री के जवान भी हैं। वहां हैलीपेड भी हैं। घायलों को वहां से भेजा जाएगा। मौसम खराब होने की वजह से घायलों को सुरक्षित यात्रा करवाने के लिए जम्मू कश्मीर की पुलिस भी रहती है। 





कितने लोग लापता, अभी नहीं कह सकते: ITBP





आईटीबीपी के पीआरओ विवेक पांडेय के मुताबिक, यहां मौजूद श्रद्धालुओं को पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि वो वहां से चले जाएं, क्योंकि अचानक तेज बारिश होने लगी थी। साथ ही यात्रा को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था। जहां ये घटना हुई है, इसे लोअर होली केव बोलते हैं. बीते साल भी इसी तरह पानी आया था, इसलिए हमारे जवान पहले से ही अलर्ट पर थे। 



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