जबलपुर: रेप के आरोपी ABVP नेता को पोस्टर लगवाना पड़ा भारी, SC ने रद्द की बेल

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Shivasheesh Tiwari
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जबलपुर: रेप के आरोपी ABVP नेता को पोस्टर लगवाना पड़ा भारी, SC ने रद्द की बेल

Jabalpur. रेप के आरोपी ABVP नेता शुभांग गोटिया के लिए “भैया जी इज बैक” भारी पड़ गया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की संयुक्त पीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए उसकी जमानत रद्द कर दी है और एक हफ्ते में आत्म समर्पण करने का आदेश दिया है। गोटिया हाल ही में जमानत पर रिहा होकर लौटा था।



'#भैया जी बैक' के पोस्टर लगवाना पड़ा भारी



ABVP नेता और पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोटिया रेप के मामले में आरोपी है। उसके खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने न केवल जमानत रद्द कर दी, बल्कि एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया। एबीवीपी का पूर्व नगर महामंत्री शुभांग गोंटिया रेप के मामले में आरोपी है। वो बीते दिनों जमानत पर रिहा होकर जेल से छूटा था। नर्मदा जयंती पर समर्थकों और उसने शहर भर में बैनर पोस्टर लगवाए थे। उसे फिर सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर भी वायरल किया गया। उन बैनर पोस्टर की क्लिप को पोस्ट के जरिए हैशटैग “भैया जी इज बैक“ नाम से वायरल किया गया।



यह हैं आरोप



शुभांग गोटिया पर एक लड़की को शादी का झांसा देकर उसके साथ रेप करने का आरोप है। जिसके बाद बीते साल सितंबर में पुलिस ने आरोपी शुभांग को गिरफ्तार किया था। इसके बाद नवंबर 2021 में आरोपी को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। आरोपी ने जमानत मिलने के बाद शहर के कई इलाकों में भैया जी बैक हैशटैग लिखे पोस्टर लगवाए। जिस पर पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोपी की जमानत खारिज करने की अपील की थी।.इस याचिका में कहा गया था कि आरोपी को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने तथ्यों को गंभीरता से नहीं लिया। आरोपी के पूर्व इतिहास पर भी गौर नहीं किया गया। आरोपी बड़े घराने से ताल्लुक रखता है इसलिए अपने रसूख के दम पर वह खुद को एक दबंग नेता के तौर पर प्रचारित कर रहा है। याचिका में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में शहर भर में लगे बैनर पोस्टर की तस्वीरें भी साझा की।



सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात 



याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा और जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों ना आपकी जमानत निरस्त कर दी जाए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा। अब अगली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपी और उसके समर्थकों ने जिस तरह से पोस्टर लगवाए हैं, वह उसके प्रभाव को उजागर करते हैं। समाज में इसका पीड़िता और उसके परिवार पर गलत प्रभाव पड़ेगा। 

 


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