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MUMBAI. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल जैसे संगठनों की तुलना तालिबान से करने वाले गीतकार जावेद अख्तर के अब सुर बदल गए हैं। शुक्रवार (10 नवंबर) को मुंबई में एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने 'जय सिया राम कहते हुए हिंदू संस्कृति की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, भारत में लोकतंत्र का अस्तित्व हिंदुओं के कारण है। हिंदू हमेशा से सहिष्णु रहे हैं। उन्होंने हिंदू धर्म के सांस्कृतिक महत्व पर भी जोर दिया और अभिव्यक्ति की घटती स्वतंत्रता पर चिंता व्यक्त की। गीतकार जावेद अख्तर ने कहा कि कुछ लोग हैं जो हमेशा असहिष्णु रहे हैं।
हिंदू उदार और बड़े दिल वाले
कार्यक्रम में गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, कुछ लोग हैं जो हमेशा असहिष्णु रहे हैं। हिंदू ऐसे नहीं हैं। उनकी खासियत ये है कि वे उदार और बड़े दिल वाले हैं। उनकी इस प्रवृत्ति को खत्म करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए, वरना ये भी दूसरों जैसे हो जाएंगे। ये हिंदू संस्कृति और सभ्यता है, जिसने हमें लोकतांत्रिक दृष्टिकोण सिखाया है।
देश में लोकतंत्र है
जावेद ने आगे कहा, इस संस्कृति और सभ्यता के कारण ही इस देश में लोकतंत्र है। यह सोचना कि हम सही हैं और बाकी सभी गलत हैं यह हिंदुओं का काम नहीं है। जावेद अख्तर जब ये बात कह रहे थे उनके कभी जोड़ीदार रहे सलीम खान सामने बैठे थे। इन दोनों की जोड़ी ने पिछली सदी में कई सुपरहिट फिल्मों की पटकथाएं लिखी हैं। इस कार्यक्रम में अभिनेता रितेश देशमुख भी मौजूद रहे।
2021 में तालिबान से RSS की तुलना करने पर दर्ज हुआ था केस
सितंबर 2021 में एक अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने कहा था कि आरएसएस, विहिप और बजरंग दल जैसे संगठन तालिबान की तरह ही हैं। इनके रास्ते में भारत का संविधान रुकावट बन रहा है। जरा सा मौका मिले तो ये सीमा लांघने में संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने ये भी कहा है कि आरएसएस का समर्थन करने वालों को आत्म परीक्षण करना चाहिए। इसके बाद देशभर में बवाल मच गया था। मुंबई में एक वकील ने पुलिस में केस भी दर्ज कराया था। इस दौरान जावेद के घर के बाहर हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन भी किया था। बाद में माफी मांगने के बाद मामला शांत हुआ।