SHANGHAI. दुनिया युद्ध के मुहाने पर है। यूक्रेन-रूस, इजरायल-हमास की जंग के बीच कई देश युद्ध की आग में कूदने को तैयार हैं। इसी बीच चीन भी संभावित युद्ध की तैयारी में अभी से जुट गया है। जी हां, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग संभावित जंग के लिए बच्चों और युवाओं को अभी से तैयार कर रहे हैं। चीन में सात साल से कम उम्र के हजारों बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग दी जा रही है। ये ट्रेनिंग उन्हें एथलेटिक्स के नाम पर दी जा रही है। चीन के इस कदम ने भारत-अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है।
फिलहाल शंघाई से शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, चीन ने जंग को लेकर लंबी रणनीति बनाई है। कभी भी कोई भी युद्ध हो सकता है। इसको लेकर बच्चों और युवाओं को अभी से तैयार किया जा रहा है। फिलहाल बच्चों को ये ट्रेनिंग शंघाई में दी जा रही है। शंघाई स्पोर्ट्स ब्यूरो का कहना है कि इस दौरान ये एथलीट्स चीनी सेना की 'युद्ध भावना' को गहराई से सीखेंगे। इससे पहले चीन की फुटबॉल टीमें भी ऐसी ट्रेनिंग से गुजर चुकी हैं। ऐसी ट्रेनिंग जिनपिंग की उस मंशा को जाहिर करती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन को 'असली मुकाबले' के लिए तैयारी बढ़ानी चाहिए। अगले कुछ दिनों में अन्य शहरों में ट्रेनिंग शुरू करने की तैयारी है।
ट्रेनिंग लेने वालों में 7 से 25 उम्र वाले शामिल
चीन में ये ट्रेनिंग 27 नवंबर से शुरू हुई है, जो अगले 5 दिसंबर तक चलेगी। इस ट्रेनिंग सेशन में शहरभर के 11 स्पोर्ट्स सेंटर के 932 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं.। मेंस जिम्नास्टिक टीम के हेड कोच ही यूक्सियाओ के अनुसार, एथलीटों की उम्र 7 साल से लेकर 25 साल तक है। उन्हें किसी की कम या ज्यादा उम्र होने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
आखिर क्या है मकसद?
रिपोर्ट के मुताबिक, मिलिट्री ट्रेनिंग सेशन का मकसद संगठनात्मक अनुशासन और टीम वर्क को मजबूत करना है। ये ट्रेनिंग एकदम सुबह-सुबह शुरू हो जाती है और दोपहर तक चलती है। इस दौरान युवा एथलीटों को खास तरह की मिलिट्री यूनिफॉर्म भी पहनाई जाती है। चीन में पिछले महीने ही एक नया कानून बना है, जिसका मकसद युवाओं में देशभक्ति की भावना पैदा करना है।