कंगना के सवाल: जवाब मिलने पर पद्मश्री लौटाने का वादा, ‘2014 में मिली आजादी’ पर अड़ी

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कंगना के सवाल: जवाब मिलने पर पद्मश्री लौटाने का वादा, ‘2014 में मिली आजादी’ पर अड़ी

बॉलीवुड (Bollywood) की पंगा गर्ल कंगना रणौत इन दिनों अपने विवादित (Controversy) बयान को लेकर जबरदस्त आलोचना का शिकार हो रही हैं। हालांकि एक तरफ जहां लोग कंगना पर लगातार हमला कर रहे हैं तो वहीं कंगना भी शांत नहीं बैठ रहीं। हाल ही में कंगना ने अपने भीख वाले कमेंट पर बढ़ते विवाद को देखकर इंस्टाग्राम (Instagram) पर एक स्टोरी साझा की है और अपना पक्ष रखा है। कंगना ने 1948 के एक दस्तावेज की तस्वीर साझा की है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawahar Lal Nehru) के हस्ताक्षर हैं जिसमें वह पश्चिम बंगाल के गवर्नर श्री राजागोपालचारी (Rajagopalachari) को भारत का गवर्नर जनरल नियुक्त करने की बात कर रहे हैं।

क्या लिखा सोशल मीडिया पर कंगना ने

इस पर तंज कसते हुए कंगना ने लिखा कि, 'मैंने इस आजादी की लड़ाई का अपमान किया है जहां भारत के प्रभुत्व में सत्ता के बदलाव की बात हो रही है'। इसके साथ ही कंगना ने हंसने वाले इमोजी भी पोस्ट किए हैं। दरअसल इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब कंगना ने कहा दिया कि 1947 में मिली आजादी असल में भीख थी और असली आजादी हमें साल 2014 में मिली है जब पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आई। इसे लेकर जमकर बवाल शुरू हो गया और कंगना के पद्मश्री लौटाने की मांग उठने लगी। कंगना ने अपना पक्ष रखते हुए लिखा कि, '1857 में स्वतंत्रता के लिए पहली सामूहिक लड़ाई सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और वीर सावरकर जी जैसे महान लोगों के बलिदान के साथ शुरू हुई। 1857 की लड़ाई मुझे पता है, लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था, मुझे पता नहीं है। अगर कोई मुझे बता सकता है तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांगूंगी। कृपया इसमें मेरी मदद करें'।

कंगना ने आजादी को भीख बताया था

दरअसल Kangana Ranaut का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वे एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए यह कह रही हैं, '1947 में इस देश को आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी। असली आजादी 2014 में मिली है। यानी केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद ही इस देश को आजादी को मिली है।'

Kangana Ranaut के बयान पर बवाल मचा। कांग्रेस ने मांग कर डाली कि अभिनेत्री से उनका पद्म सम्मान वापस लिया जाना चाहिए, वरुण गांधी ने भी हमला किया, लेकिन अभिनेत्री अपने बयान पर कायम है। वहीं इस बीच, आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को मुंबई पुलिस को एक आवेदन सौंपकर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के लिए मामला दर्ज करने की मांग की।

कंगना रनौत के बयान पर बवाल

उद्धव ठाकरे सरकार मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी Kangana Ranaut के बयान की आलोचना की और मांग कि उनका पद्म सम्मान वापस लिया जाना चाहिए और उनके खिलाफ केस होना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता वरुण गांधी ने कहा, कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान, और अब शहीद मंगल पाण्डेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?

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