NEW DELHI. आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख ही दी। इसके मुताबिक, 130 करोड़ भारतवासियों की ओर से आपको निवेदन करता हूं कि भारतीय करेंसी पर महात्मा गांधी जी के साथ-साथ लक्ष्मी गणेश जी की तस्वीर भी लगाई जाए। केजरीवाल ने 26 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो छापने की मांग की थी। केजरीवाल ने अपने लैटर को ट्विटर हैंडल से शेयर भी किया है।
केजरीवाल ने लैटर में पूछा- भारत अब तक गरीब क्यों?
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने लैटर में लिखा- देश के 130 करोड़ लोगों की इच्छा है कि भारतीय करेंसी पर एक तरफ गांधी जी और दूसरी ओर भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की तस्वीर होनी चाहिए। आज देश की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। आजादी के 75 वर्ष बाद भी भारत विकासशील और गरीब देशों में गिना जाता है। हमारे देश में इतने गरीब लोग क्यों हैं? एक तरफ हम सब देशवासियों को कड़ी मेहनत की जरूरत है तो वहीं दूसरी ओर हमें भगवान का आशीर्वाद भी चाहिए, ताकि हमारे प्रयास फलीभूत हों। सही नीति, कड़ी मेहनत और प्रभु का आशीर्वाद इनके संगम से ही देश तरक्की करेगा।
एक प्रेस वार्ता करके मैंने सार्वजनिक रूप से इसकी मांग की। तब से सामान्य जन का इसको लेकर जबर्दस्त समर्थन मिला। लोगों में इसे लेकर जबर्दस्त उत्साह है। सभी लोग चाहते हैं कि इसे तुरंत लागू किया जाए।
केजरीवाल की मोदी को चिट्ठी
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 28, 2022
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भारतीय करेंसी के बारे में 5 फैक्ट्स
- भारत में करेंसी नोट जारी करने का अधिकार सिर्फ रिजर्व बैंक यानी RBI के पास है। सिर्फ 1 रुपए का नोट भारत सरकार जारी करती है।
RBI एक्ट की धारा 25 के तहत नोटों का डिजाइन, स्वरूप और मटेरियल रिजर्व बैंक का सेंट्रल बोर्ड प्रस्तावित करता है। भारत सरकार उसे मंजूरी देती है।
करेंसी मैनेजमेंट की पूरी जिम्मेदारी RBI के एक अलग विभाग के पास होती है। फिलहाल इसके अध्यक्ष डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर हैं।
क्या भारत में नोटों पर किसी देवी-देवता की तस्वीर छापी जा सकती है, इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर 2014 में इस मुद्दे पर सुनवाई के दौरान कहा था कि संविधान करेंसी पर धार्मिक प्रतीकों के उपयोग की अनुमति नहीं देता। हालांकि, 2002 में 5 रुपए और 10 रुपए के खास सिक्कों पर वैष्णो देवी की फोटो छप चुकी है।
इंडोनेशिया ने 1998 में 20 हजार रुपिया के नोट पर भगवान गणेश की फोटो छपी थी। वहां की सरकार ने उस वक्त शिक्षा की थीम के तहत इसे जारी किया था। हालांकि, अब इंडोनेशिया में यह नोट चलन में नहीं है। इंडोनेशिया के कई हिस्सों में चोल वंश का शासन था। इस दौरान वहां पर कई मंदिरों को बनवाया गया था। गणेश जी को इंडोनेशिया में कला, बुद्धि और शिक्षा का भगवान माना जाता है। यहां के कई स्कूल और कॉलेजों में भगवान गणेश की फोटो लगी देखी जा सकती है। यही वजह है कि 20 हजार रुपिया के नोट में उनकी फोटो लगाई गई थी।
भारत में कब-कैसे छापे गए नोट, 10 पॉइंट्स
- 1949 में आजादी के बाद भारत का पहला नोट जारी हुआ था। यह नोट एक रुपए का था। इसमें अशोक की लाट की तस्वीर थी। इसके बाद राष्ट्रपति महात्मा गांधी की तस्वीर वाली नोट की डिजाइन तो तैयार हुई, लेकिन सहमति ना बनने की वजह से इन्हें जारी नहीं किया गया।
1950 में पहली बार 2, 5, 10 और 100 रुपए के नोट जारी हुए। इनके रंग अलग-अलग थे, लेकिन डिजाइन में बहुत अंतर नहीं था।
1953 में नए नोटों पर हिंदी को प्रमुखता से छापा गया। साथ ही तय किया गया कि रुपया का बहुवचन रुपए होगा।
1954 में 1 हजार, 5 हजार और 10 हजार रुपए के नोट जारी किए गए। इन पर शेर, हिरण और सेलिंग बोट की फोटो रहती थी। हालांकि, 1978 में इन नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया।
1975 में 100 रुपए के नोट पर कृषि आत्मनिर्भरता और चाय बगानों से पत्तियां तोड़ने की फोटो लगने लगी।
1969 में महात्मा गांधी की 100वीं जयंती पर 2, 5, 10 और 100 रुपए के नोट जारी किए गए, जिसमें सेवाग्राम आश्रम में बैठे गांधी जी की तस्वीर छपी थी।
1972 में पहली बार 20 रुपए का नोट और 1975 में 50 रुपए का नोट जारी किया गया।
1980 का दशक इकोनॉमी और नोटों में भारी बदलाव वाला साबित हुआ। इस दौरान देश की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही थी और लोगों की परचेजिंग पावर। ऐसे में 2 रुपए के नोट पर देश के पहले सैटेलाइट आर्यभट्ट की फोटो, एक रुपए के नोट पर तेल कुएं, 5 रुपए के नोट पर ट्रैक्टर से खेत जोतते किसान, 10 रुपए के नोट पर कोणार्क मंदिर का चक्र, मोर और शालीमार गार्डन की फोटो लगने लगी।
1987 में पहली बार 500 रुपए का नोट जारी किया। इस नोट पर महात्मा गांधी की फोटो के साथ वॉटरमार्क में अशोक स्तंभ था।
1996 में नए सिक्योरिटी फीचर्स के साथ नए सीरीज के नोट छापे गए, जिसे महात्मा गांधी सीरीज कहा गया। दृष्टिबाधित लोग भी इनकी पहचान आसानी से कर सकते थे। इस सीरीज के सभी नोट में अब अशोक स्तंभ की जगह महात्मा गांधी की फोटो ने ले ली थी। इन नोट में वॉटरमार्क के साथ महात्मा गांधी का पोर्टेट भी होता था।