PANNA. कुत्ते बड़े वफादार होते हैं ये तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपने कभी भैंसों की वफादारी के बारे में सुना है। अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं कि कैसे पन्ना में भैंसों ने अपने मालिक के साथ वफादारी निभाई और उसकी जान बचाई। कैसे भैंसे अपने मालिक पर हमला करने वाले खूंखार जानवर से भिड़ गईं और उसे खदेड़ दिया।
मालिक की जान बचाने के लिए भालू से भिड़ गईं भैंसें
पन्ना के जंगल के झलाई बीट में मंगलवार करीब साढ़े 5 बजे एक चरवाहा अपनी भैंसों को चारा खिला रहा था। तभी अचानक एक मादा भालू ने उस पर हमला कर दिया। घास खा रही भैंसों ने जब देखा कि उनके मालिक पर संकट आया है तो वो खूंखार भालू से भिड़ गईं और उसे खदेड़ दिया। मादा भालू के हमले में चरवाहा घायल तो हो गया लेकिन भैंसों की वजह से उसकी जान बच गई।
चरवाहा गंभीर रूप से घायल लेकिन बच गई जान
मादा भालू के हमले में चरवाहा गंभीर रूप से घायल हो गया। 60 साल के रणधीर सिंह यादव के पेट, हाथ और कूल्हे में गहरे जख्म आए हैं। चरवाहे के भतीजे राजेश यादव ने बताया कि उनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन है। उनकी भैंसें जमुनिहा हार में रोज घास खाने जाती हैं। मंगलवार को जब मादा भालू ने चाचा पर हमला किया तो 15-20 भैंसें उससे भिड़ गईं और जबरदस्त संघर्ष करते हुए उसे खदेड़ दिया। भैंसों की वजह से ही चाचा की जान बची है।
बेहद आक्रामक होती है बच्चों वाली मादा भालू
वनकर्मियों का कहना है कि इस वन क्षेत्र में बच्चों वाली मादा भालू रहती है। वो अपने बच्चों के साथ वहां से गुजर रही थी जहां उसका सामना रणधीर सिंह यादव से हो गया। अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए उसने रणधीर सिंह यादव पर हमला बोल दिया। बच्चों वाली मादा भालू बेहद आक्रामक और खतरनाक होती है। आसपास के खतरे को भांपकर वो हमलावर हो जाती है। ऐसा वो अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए करती है।