लखीमपुर हिंसा का आरोपी आशीष मिश्रा 129 दिन बाद जेल से रिहा, पीछे के गेट से निकला

author-image
Aashish Vishwakarma
एडिट
New Update
लखीमपुर हिंसा का आरोपी आशीष मिश्रा 129 दिन बाद जेल से रिहा, पीछे के गेट से निकला

लखनऊ. लखीमपुर में किसानों का कुचलने के मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी 15 फरवरी को जेल से रिहा हो गया। 129 बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष जेल से बाहर आया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पांच दिनों पहले आशीष की जमानत का आदेश दिया था। जेल के मेन गेट पर मीडिया का जमावड़ा था। इस वजह से आशीष जेल के पीछे के गेट से निकलकर अपनी SUV में बैठ गया। बंद गाड़ी से अपना चेहरा छिपाते हुए आशीष घर पहुंचा। आशीष के वकील अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट ने तीन-तीन लाख रुपए की दो जमानत की मांग की थी, लेकिन शहर से बाहर जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगाई है।  



आशीष को जमानत क्यों मिली?: आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। 3 अक्टूबर को लखीमपुर के तिकुनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का मामला सामने आया था। इसके चलती भड़की हिंसा में 8 लोगों (4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता और 1 पत्रकार) की मौत हो गई थी। आशीष के वकील सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि गाड़ी आशीष मिश्रा नहीं, बल्कि हरिओम मिश्रा चला रहा था और उन्होंने डिफेंस में गाड़ी चढ़ाई थी। ड्राइवर के अपराध के लिए आशीष को जिम्मेदार कैसे ठहराया जा सकता है? उन्होंने ये भी बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि लखीमपुर हिंसा में किसी भी किसान की मौत गोली लगने से नहीं हुई। वकील श्रीवास्तव ने चार्जशीट पर भी सवाल उठाए। कहा कि पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की थी, उसमें सुप्रीम कोर्ट की ओर से नामित SIT के अफसरों के दस्तखत नहीं थे, इसलिए हम इसे गैरकानूनी मानते हैं।



5 हजार पन्नों की चार्जशीट: 3 अक्तूबर को तिकुनिया में हुई हिंसक वारदात के बाद स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) ने जांच के बाद आशीष मिश्र समेत 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। SIT ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया था। दिसंबर में SIT ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी। 



आशीष मिश्रा पर 3 बड़े आरोप




  • हथियारों का इस्तेमाल: SIT के मुताबिक, तिकुनिया गांव में हिंसा के दौरान जो गोलियां चली थीं, वो आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी हथियार से चलीं। 


  • दोस्तों की संलिप्तता : आशीष मिश्रा के अलावा 13 और लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। ये सभी आशीष मिश्रा से जुड़े थे। अंकित दास और सुमित जायसवाल हिंसा में शामिल थे।

  • मौके पर मौजूदगी : सीनियर प्रॉसिक्यूशन ऑफिसर (एसपीओ) एसपी यादव ने बताया था कि केस डायरी में गवाहों के बयान के आधार पर मौके पर आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की मौजूदगी थी।


  • योगी आदित्यनाथ Yogi Adityanath Central Minister केंद्रीय मंत्री up आशीष मिश्रा रिहा अजय मिश्र टेनी Ashish Mishra आशीष मिश्रा लखीमपुर हिंसा किसान प्रदर्शन Lakhimpur Violence यूपी Ajay Mishra Teni farmers protest