Mumbai. महाराष्ट्र में इन दिनों हनुमान चालीसा विवाद गहराया हुआ है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोला है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की है। साउथ इंडियन फिल्मों की एक्ट्रेस रहीं नवनीत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था, जिसके बाद शिवसैनिकों ने जमकर बवाल काटा। इसके बाद महाराष्ट्र की पुलिस ने कई केस दर्ज किए। नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा को गिरफ्तार करके 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब नवनीत ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं।
इस बीच, राणा दंपती ने अपने खिलाफ दर्ज दूसरी FIR (आईपीसी की धारा 353) रद्द कराने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसे अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद खारिज कर दिया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि एक जनप्रतिनिधि से जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है।
नवनीत ने चिट्ठी में ये लिखा
नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी। लिखा- मुझे 23 अप्रैल को पुलिस स्टेशन ले जाया गया। इस दिन मुझे पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी मांगा, लेकिन रातभर मुझे पानी नहीं दिया गया। वहां मौजूद पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति (ST) हूं, इसलिए वे मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी हक से वंचित रखा गया।
नवनीत आगे कहती हैं- मुझे रात को बाथरूम जाना था, लेकिन पुलिस स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। फिर मुझे गाली दी गई। कहा गया कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है। ये लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में आए। मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ फिर से जगाने को कोशिश की थी। इसी वजह से सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया था। यह यह किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए या ।
मैंने सीएम उद्धव ठाकरे को हनुमान चालीसा के पाठ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। मेरा कदम सीएम के खिलाफ नहीं था. लेकिन मुझ पर आरोप लगाया गया कि मेरे इस कदम से मुंबई में कानून और व्यवस्था को खतरा हो सकता है। इसके बाद मैंने ये भी कहा कि मैं सीएम आवास नहीं जाऊंगी।
6 मई तक जेल में रहेंगे राणा दंपती
हनुमान चालीसा विवाद में गिरफ्तार होने के बाद राणा दंपती 6 मई तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। उनकी जमानत अर्जी पर 29 अप्रैल को सुनवाई होनी है। दोनों पर राजद्रोह का केस दर्ज है। आज भी महाराष्ट्र के कई शहरों में राणा दंपती के खिलाफ प्रदर्शन होने वाले हैं।
क्या-धाराएं लगाई गईं नवनीत राणा पर?
पुलिस ने सांसद नवनीत और रवि राणा पर धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस ने राणा दंपति पर धारा 353 के तहत एक और केस दर्ज किया गया। फिर 24 अप्रैल बांद्रा कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने पुलिस रिमांड की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद राणा दंपति पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई।
महाराष्ट्र सरकार ने विवाद पर क्या कहा?
महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि नवनीत राणा को हनुमान चलीसा पढ़ने के लिए गिरफ्तार नहीं किया। उनके स्टेटमेंट्स (बयान) के कारण जो कानून व्यवस्था में जो दिक्कत हुई, उसकी वजह से अरेस्ट किया गया। नवनीत जानबूझकर अशांति पैदा कर रही थीं। उनके हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर कोई विरोध नहीं था। लेकिन वो दूसरे के घर जाकर क्यों ऐसा करना चाहती थीं? खुद के घर करें।
हनुमान चालीसा को लेकर क्यों मचा बवाल?
राणा दंपती ने 22 अप्रैल को उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। 23 अप्रैल को सुबह से ही उनके घर के बाहर भारी संख्या में शिवसैनिक जुट गए। उन्होंने दिनभर राणे के घर के बाहर हंगामा किया। शिवसैनिकों ने राणे दंपती पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा कि उनके लिए मातोश्री मंदिर की तरह है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बोले पूर्व सीएम फडणवीस?
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 25 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सांसद नवनीत राणा के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया। उन्हें नीची जाति का बताया गया। इसके साथ ही उन्हें पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया, ना ही वॉशरूम जाने दिया गया। इससे पहले हमने कभी नहीं देखा कि बदले की भावना से इस तरह की कार्रवाई की गई हो। महाराष्ट्र में अहंकारी लोग सत्ता में हैं। ये लोग लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रहे हैं। मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि हम डरते नहीं हैं, संघर्ष करेंगे।
मुंबई से दिल्ली तक हलचल
हनुमान चालीस को लेकर जारी विवाद मुंबई से दिल्ली तक आ गया। 25 अप्रैल को बीजेपी का डेलिगेशन दिल्ली पहुंचा, जिसमें पूर्व सांसद किरीट सोमैया भी थे। हाल ही में किरीट पर खार इलाके में हमला हुआ था। इसके विरोध में बीजेपी के दल ने गृह सचिव से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को एक ज्ञापन भी दिया। इसमें पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
राउत ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट की रिपोर्ट सार्वजानिक की
इस पूरे विवाद के बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने नवनीत राणा के बर्थ सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उन पर फेक सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।
मोदी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना चाहती हैं NCP कार्यकर्ता
इस विवाद के बीच NCP कार्यकर्ता फहमीदा हसन ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास के बाहर हनुमान चालीसा और दुर्गा पाठ करना चाहती हैं। इस बाबत उन्होंने उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अनुमति और समय मांगा।