MP के मुख्यमंत्री CM शिवराज ने हैदराबाद में रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी समारोह में 9 फरवरी को हिस्सा लिया। उन्होने श्रीरामनगरम में बनी रामानुजाचार्य प्रतिमा का दर्शन किया। इस दौरान वे कथावाचक के रूप में नजर आए। दर्शन के बाद भारत का मतलब समझाते हुए शिवराज सिंह ने राष्ट्रीत्व को हिंदुत्व बताया और कहा कि राजनीति तोड़ती है, धर्म जोड़ता है। इसमें दो मत नहीं है। ओंकारेश्वर में बन रही आचार्य शंकर की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ वननेस से भी यही संदेश जाएगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत भी मौजूद रहे।
भारत की संत परंपरा का प्रवाह नित्य, निरंतर प्रवाहमान है और यहां का दृश्य देखकर मेरा मन आनंद, प्रसन्नता एवं भावों से भरा है।
'एकम सत विप्रा बहुधा वदन्ति' की जो हमारे ऋषियों की उद्घोषणा थी, वह चरितार्थ हो रही है। @StatueEquality #StatueOfEquality https://t.co/U7PHjcvBwv pic.twitter.com/Tq466lpwjO
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 9, 2022
कौन थे रामानुजाचार्य: 'हर किसी की पीड़ा को कम करने के लिए भले ही मुझे अकेले नरक में जाना पड़े, मैं खुशी से ऐसा करूंगा' कहने वाले रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में हुआ था। तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर के ब्राह्मण परिवार में जन्मे रामानुजाचार्य ने विशिष्टाद्वैतवाद का सिद्धांत दिया था। अद्वैतवाद में नियम है कि अष्ठाक्षरी मंत्र किसी को नहीं बताया जाता, लेकिन रामानुजाचार्य ने इससे असहमति जताते हुए मंदिर की छत से मंत्र का उच्चारण किया, ताकि सब उसे सुन सकें। रामानुज के गुरु ने कहा था कि इस मंत्र को किसी को बताया नहीं जा सकता। रामानुजाचार्य का मानना था कि अगर मुझ पर श्राप लगने से लोगों का भला होता है तो मै इसे खुशी-खुशी स्वीकार करूंगा। दलितों को मंदिर और धर्म ग्रंथों तक पहुंचाने वाले रामानुजाचार्य का 1137 में देहांत हो गया।
सनातन धर्म ने हजारों वर्ष पूर्व ही विश्व को 'अयं निजः परो वेति गणना लघु चेतसाम्' का संदेश दिया। परम श्रद्धेय श्री रामानुजाचार्य जी ने सामाजिक समानता का जो संदेश दिया, वह भावी पीढ़ियों को मार्ग दिखाता रहेगा। @StatueEquality#StatueOfEquality pic.twitter.com/VPIYuNYIJv
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 9, 2022
क्या है मध्य प्रदेश सरकार का ओंकारेश्वर प्रोजेक्ट: मध्य प्रदेश सरकार खंडवा के ओंकारेश्वर में लगभग 2,000 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। प्रोजेक्ट में सरकार आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण करेगी, जिसे स्टैच्यू ऑफ वननेस कहा जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने आचार्य शंकर न्यास को 58.30 हेक्टेयर जमीन आवंटित की है। प्रोजेक्ट में अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान, संग्रहालय और अंतर्राष्ट्रीय शोध केंद्र के साथ अन्य कई चीजों का निर्माण होगा। इसमें आदि शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन से जुड़े सिद्धांतो को दिखाया जाएगा।