जबलपुर. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की जिला और तहसील अदालतों में क्लास फोर कर्मचारियों की भर्ती में ट्रांसजेंडर (Transgenders) की अनदेखी की है। इस पर हाईकोर्ट (High Court) ने राज्य सरकार को नोटिस (Notice) जारी करते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि सभी नियुक्तियां इस याचिका के अंतिम निर्णय से बाध्य होंगी। चीफ जस्टिस रवि मलिमथ (Chief Justice Ravi Malimath) और जस्टिस विजय शुक्ला (Justice Vijay Shukla) की खंडपीठ मामले की सुनवाई की। याचिका करता का आरोप है कि ट्रांसजेंडरों के साथ भेदभाव किया जाता है। खंडपीठ ने मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल तथा सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग (Social Justice and Welfare Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है।
नियम की अनदेखी का आरोप
मध्य प्रदेश की जिला और तहसील अदालतों के लिए 708 चतुर्थ श्रेणी यानी क्लास फोर पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ है। हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस भर्ती प्रक्रिया में नियम की अनदेखी करते हुए ट्रांसजेंडर को शामिल नहीं किया गया है। दरअसल नियमानुसार ट्रांसजेंडर के लिए अलग श्रेणी बनाकर भर्ती का विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए था।
समानता के अधिकार पर सवाल
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर की निवासी सामाजिक कार्यकर्ता और पैरालीगल वॉलेंटियर नूरी ने यह याचिका दायर की है। उनकी ओर से अधिवक्ता शन्नो शगुफ्ता खान ने अदालत में पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि संपूर्ण राज्य की जिला एवं सत्र अदालतों के लिए 708 चतुर्थ श्रेणी के पद पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इसमें पुरुष व महिला के कॉलम तो है किंतु ट्रांसजेंडर का कॉलम नहीं है। कहा गया कि संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के तहत सभी को मौका मिलना चाहिए। इस दलील को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने चार हफ्ते का नोटिस जारी कर राज्य के मुख्य सचिव, हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और सामाजिक न्याय एवं कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।
केंद्र सरकार ने ये निर्देश दिए थे
साल 2020 में केंद्र सरकार ने निर्देश दिया था कि सिविल सेवा और सभी सरकारी विभागों की नौकरियों के आवेदन में अब से ट्रांसजेंडर के लिए अलग से श्रेणी बनाई जाएगी, केंद्र सरकार ने इस संबंध में सभी विभागों को निर्देश जारी किए थे। इसके तहत अब से सिविल सेवा और अन्य पदों के लिए आवेदन पत्र में ट्रांसजेंडर के लिए अलग श्रेणी रहेगी।
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