विदिशा. यहां की रहने वाली वैशाली विल्सन (Vaishali Wilson) यूक्रेन (Ukraine) में फंसी अपनी बेटी को वापस लाने के लिए परेशान हैं। उन्हें मदद तो नहीं मिल रही, लेकिन उनकी बेबसी और लाचारी का फायदा जरूर उठाया जा रहा है। हाल ही में उनके साथ पीएमओ के नाम पर धोखाधड़ी (Fraud) हुई और टिकट के नाम पर 42 हजार रुपए ठग लिए गए।
यह है पूरा मामला: वैशाली विल्सन ने बताया कि 23 फरवरी की दोपहर में उनके पास प्रिंस नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) में पर्सनल असिस्टेंड बताया। उसने यूक्रेन से उनकी बेटी और उसकी एक सहेली को वापस लाने की बात कही और टिकट के पैसे जमा कराने के लिए अकाउंट नंबर दे दिया।
पुलिस से की शिकायत: बेटी को वापस लाने के लिए वैशाली ने अकाउंट में 21 हजार रुपए प्रति टिकट के हिसाब से दो टिकट के लिए 42 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। 24 घंटे बाद भी टिकट के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिलने पर वैशाली ने पीएमओ में संपर्क किया, जहां से पता चला कि वहां प्रिंस नाम का कोई कर्मचारी काम नहीं करता। वहीं, प्रिंस नाम के व्यक्ति ने फोन करने पर टिकट के नाम पर बात टाल दी, जिसके बाद उन्हें ठगी का शक हुआ और वो एफआईआर कराने पुलिस थाने पहुंची, लेकिन उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई। पुलिस ने शिकायती आवेदन लिया है। साथ ही पुलिस ने सायबर पुलिस से जांच कराने के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।
सीएम हेल्पलाइन से भी मिली थी निराशा: रूस और यूक्रेन के बीच तेजी से युद्ध के हालात (Russia-Ukraine Tension) बनते जा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की विभिन्न मेडिकल यूनिवर्सिटीज में पढ़ने वाले इंडियन स्टूडेंट्स को लेकर परिजनों की चिंताएं बढ़ गई हैं। विदिशा (Vidisha) की छात्रा सृष्टि विल्सन भी यूक्रेन में पढ़ाई कर रही है। युद्ध के मुहाने पर खड़े यूक्रेन से वह भारत आना चाहती है, लेकिन उसे वापसी का कोई तरीका समझ नहीं आ रहा है। ऐसे में परेशान मां ने बेटी को वापस लाने के लिए सरकार से गुहार लगाने के लिए सीएम हेल्पलाइन (MP CM Helpline) में कॉल कर मदद मांगी। तब सीएम हेल्पलाइन से जवाब मिला कि यह यूक्रेन का मामला है इसलिए यूक्रेन थाने में ही इसकी रिपोर्ट दर्ज कराइए।