मुंबई. धर्मगुरु कालीचरण महाराज (Kalicharan Maharaj) के महात्मा गांधी के खिलाफ दिए गए बयान पर विवाद बढ़ गया है। रायपुर में आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी (Kalicharan Maharaj on Mahatma Gandhi) को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। इसमें उन्होंने गांधी की हत्या के लिए नाथूराम गोडसे की तारीफ की और कहा कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए सरकार के प्रमुख के रूप में एक कट्टर हिंदू नेता (Hardcore Hindu Leader) का चुनाव करना चाहिए। जानिए, कालीचरण महाराज कहां के रहने वाले हैं और उन्होंने क्या किया...
महाराष्ट्र के रहने वाले हैं
कालीचरण महाराज महाराष्ट्र के अकोला के पुराने शहर शिवाजी नगर के रहने वाले हैं। उनका असली नाम अभिजीत धनंजय सराग है। वो भावसार समाज (Bhavsar Community) से आते हैं। कालीचरण महाराज एक साधारण परिवार में जन्मे, जन्म अकोला में हुआ। उनके पिताजी धनंजय सराग की मेडिकल शॉप है।
पढ़ाई में खास रुचि नहीं थी
कालीचरण उर्फ अभिजीत हरिहर पेट के टाउन जिला परिषद स्कूल में 8वीं क्लास तक ही पढ़े। पढ़ने में खास रुचि नहीं थी तो माता-पिता ने तंग आकर कालीचरण को उनकी मौसी के यहां इंदौर भेज दिया। यहां रहकर उन्होंने हिंदी बोलनी सीखी। भय्यूजी महाराज के आश्रम में जाने लगे, वहां के काम में लगन लगी और यहीं से उनको भय्यूजी महाराज की गुरु प्राप्ति हुई। यहीं से नया नाम कालीचरण महाराज मिला।
पॉलिटिक्स से लगाव
48 साल के कालीचरण महाराज सालों बाद अकोला आए तो उनका रूप-श्रृंगार देखकर लोग उन्हें चाहने लगे। उनका शिवचरण पाठ काफी पसंद किया गया। भावसार समाज के अध्यक्ष अनिल मावले ने बताया कि 2017 में वो महानगर पालिका के चुनाव में खड़े हुए थे, लेकिन कालीचरण महाराज ने विरोधी पार्टी से साठ-गांठ कर उन्हें हरवा दिया। उन्होंने बताया कि इसके लिए महाराज ने बाद में माफी भी मांगी थी।
शिव तांडव स्त्रोत से चर्चा में आए
कालीचरण महाराष्ट्र अकोला में हर साल कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेते हैं। शिवभक्त कालीचरण महाराज अपने रूप और श्रृंगार को लेकर चर्चा में रहते हैं। कालीचरण महाराज पिछले साल उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने मध्य प्रदेश में शिव तांडव स्त्रोत गाया था। उनका ये वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया था।
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