MUMBAI. महाराष्ट्र का सियासी संग्राम फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा। शिवसेना के बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे मोर्चे पर डटे हुए हैं। उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी तेवर दिखाए हैं। इस बीच, महाराष्ट्र की राजनीति में बीजेपी की भी एंट्री हो गई। केंद्र सरकार ने 15 बागी विधायकों को वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इस बीच, शिंदे गुट के विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर लिया गया है।
शिंदे गुट की तरफ से दायर याचिका में विधायकों ने कहा है कि शिवसेना विधायक दल के 2 तिहाई से ज्यादा सदस्य हमारा समर्थन करते हैं। इस तथ्य से पूरी तरह वाकिफ होने के बाद भी डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नया नेता नियुक्त कर दिया। याचिका में डिप्टी स्पीकर के नोटिस को पूरी तरह से अवैध और मनमाना बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि नोटिस के बाद उन्हें और उनके अन्य सहयोगियों को रोज धमकियां मिल रही हैं।
बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 48 हुई
शिवसेना के एक और विधायक उदय सावंत गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू पहुंच गए हैं। इसके बाद अब बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। इसमें 39 विधायक शिवसेना के हैं तो वहीं 9 विधायक निर्दलीय हैं।
एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, 'हिंदू हृदय सम्राट वंदनीय बाला साहेब ठाकरे के हिंदुत्व के विचारों के लिए और बाला साहेब की शिवसेना को बचाने के लिए, हम मर भी जाएं तो बेहतर है। अगर ऐसा होता है तो हम सब अपने आप को भाग्यशाली समझेंगे।
हिंदुहृदयसम्राट वंदनीय बाळासाहेब ठाकरे यांच्या हिंदुत्वाच्या विचारांसाठी आणि बाळासाहेबांची शिवसेना वाचविण्यासाठी आम्हाला मरण जरी आलं तरी बेहत्तर....
तसे झाल्यास आम्ही सारे आमचं भाग्य समजू...#MiShivsainik @rautsanjay61
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 26, 2022
शिंदे ने राज से बात की
सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी गुट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे ने मनसे चीफ राज ठाकरे से बात की। शिंदे ने बातचीत के दौरान राज से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। राज ठाकरे अपने कूल्हे की सर्जरी के बाद रिकवरी कर रहे हैं। हाल ही में वे ऑपरेशन के बाद घर लौटे हैं।
आदित्य का डायलॉग
युवा सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आदित्य ठाकरे ने युवा सेना के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि असली ताकत शिवसैनिक हैं। परसों तक जो मेरी गाड़ी में बैठे थे, वो भी चले गए। यह जो परिस्थिति हमारे ऊपर आई है, जब उद्धव ठाकरे बीमार हैं। आज अगर बाला साहब ठाकरे या आनंद दीघे होते और उनके सामने उन्होंने यह किया होता तो वह उन्हें अपनी भाषा में समझाते। मुझे दिलवाले पिक्चर का एक डायलॉग याद आ रहा है- हम शरीफ क्या हुए और सारी दुनिया बदमाश हो गई। मैं तो रास्ते पर उतर ही रहा हूं लेकिन आप भी घर घर जाकर उनकी सच्चाई लोगों तक पहुंचाइए।