Mumbai. महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी संकट गहरा गया है। उद्धव सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना के 15, एक एनसीपी और 14 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत पहुंच गए हैं। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और बताए जा रहे हैं। शिंदे के इस कदम के बाद शिवसेना ने उन्हें नेता पद से हटा दिया है। इस बीच, महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
पार्टी के इस एक्शन के बाद शिंदे ने ट्वीट किया- हम बालासाहेब के सच्चे शिवसैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। हम सत्ता के लिए कभी भी धोखा नहीं देंगे।
आम्ही बाळासाहेबांचे कट्टर शिवसैनिक आहोत... बाळासाहेबांनी आम्हाला हिंदुत्वाची शिकवण दिली आहे.. बाळासाहेबांचे विचार आणि धर्मवीर आनंद दिघे साहेबांची शिकवण यांच्याबाबत आम्ही सत्तेसाठी कधीही प्रतारणा केली नाही आणि करणार नाही
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 21, 2022
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में सीएम उद्धव ठाकरे के सरकारी आवास पर बैठक के बाद आज शाम सेना भवन में विधायक शक्ति प्रदर्शन करेंगे।
कहां रुके हैं विधायक?
जानकारी के मुताबिक, सभी विधायक सूरत के ला मेरिडियन होटल में रुके हैं। विधायकों को सूरत लाने में बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। सभी विधायक 20 जून (सोमवार) की शाम से ही संपर्क से बाहर हैं।
ये भी संभावनाएं
सूरत में मौजूद विधायकों को लेकर दो संभावनाएं जताई जा रही हैं। पहली- इन्हें एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया जा सकता है और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करवाई जा सकती है। दूसरी- इन्हें अहमदाबाद के किसी रिजॉर्ट में ले जाया जा सकता है।
कुछ दावे, कुछ हकीकत, कुछ बयान
सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ बीजेपी के साथ गठबंधन की शर्त रखी है। यह भी कहा जा रहा है कि शिंदे खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। शिंदे ने 3 विधायकों संजय राठौड़, संजय बांगर और दादा भुसे कुल को मातोश्री भी भेजा है। इस मुलाकात में क्या हुआ, ये अभी सामने नहीं आया।
तमाम हलचलों के बीच शरद पवार मीडिया के सामने आए। करीब 11 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पवार से पूछा गया कि शिंदे क्या खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, इस पर बोले कि उन्होंने ऐसी इच्छा तो जाहिर नहीं की। महाराष्ट्र में सरकार गिराने की साजिश पहले भी हुई है पर चिंता की बात नहीं...। उद्धव सरकार चलती रहेगी। यह सरकार का मसला नहीं है, यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है।
उद्धव की बैठक में पहुंचे 20 विधायक
महाराष्ट्र में गहराए राजनीतिक संकट के बीच मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि एकनाथ शिंदे के बगावती तेवरों के बाद उद्धव ठाकरे ने आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें सिर्फ 20 विधायक पहुंचे थे। शिवसेना के 35 विधायक बैठक में नहीं पहुंचे।
राज्य सरकार माइनॉरिटी में - BJP अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल
इस बीच, महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज्यसभा और MLC चुनावों के लिए BJP को निर्दलीय और छोटे राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। हमारी जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे और 35 विधायक जा चुके हैं। इसका मतलब है कि तकनीकी रूप से राज्य सरकार अल्पमत (Minority) में है, लेकिन व्यावहारिक रूप से सरकार को अल्पमत में आने में कुछ समय लगेगा। अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं है जो अविश्वास प्रस्ताव के लिए विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग करे। 18 जुलाई से विधानसभा का सत्र शुरू होगा और फिर हम इस पर गौर करेंगे।