मालेगांव. महाराष्ट्र (Maharashtra) के मालेगांव (Malegaon) में हुए धमाकों के मामले में नया खुलासा हुआ है। कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान 28 दिसंबर को एक गवाह (Witness) मुकर (Hostile) गया। एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) की विशेष अदालत (Special Court) में एक गवाह ने कहा कि एटीएस और मामले की जांच कर रही एजेंसी (Investigation Agency) ने उसे प्रताड़ना दी थी। अदालत में उसने कहा कि NIA ने उसे इस मामले में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और आरएसएस (RSS) के चार लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया था। मामले के अन्य आरोपियों में भोपाल (Bhopal) से बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (MP Pragya Singh Thakur) भी शामिल हैं। मालेगांव में 29 सितंबर,2008 को एक मस्जिद (Masjid) के पास एक मोटरसाइकिल से बंधे विस्फोटक के फटने से 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। अपने दिए बयानों से अब तक 15 गवाह मुकर चुके हैं।
गवाह का गंभीर आरोप
मालेगांव बम धमाके (Bomb Blast) मामले की सुनवाई में अब तक 220 लोगों की गवाही हो चुकी है। इस दौरान खास बात ये रही कि इस गवाह ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत को बताया कि मामले की तत्कालीन जांच एजेंसी एटीएस ने उसे प्रताड़ित किया था। उसने कोर्ट को बताया कि विस्फोट के बाद उसे 07 दिनों तक एटीएस कार्यालय में रखा गया था और उसके बाद एटीएस ने उसके परिवार के सदस्यों को प्रताड़ित (Tortured) करने और उन्हें फंसाने की धमकी दी थी। गवाह ने कोर्ट को बताया कि एटीएस ने उसे योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार, देवधर और काकाजी जैसे आरएसएस के पांच लोगों का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया था।
इन पर लगे थे आरोप
इससे पहले अगस्त महीने में लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने वाला गवाह मुकर गया था। जिसके बाद विशेष एनआईए अदालत ने उसे पक्षद्रोही करार दिया था। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के अलावा इस मामले के अन्य आरोपी भोपाल से बीजेपी की लोक सभा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय, अजय रहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी है। यह सभी जमानत पर हैं और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और भादंवि के प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :
द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:
">Facebook | Twitter | Instagram | Youtube