IMPHAL/ NEW DELHI. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में शांति बहाली का रास्ता साफ हो गया है। पूर्वोत्तर के सबसे बड़े उग्रवादी संगठनों में शामिल यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ( यूएनएलएफ) ने सरकार के साथ नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की है। उन्होंने लिखा पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। शाह ने बताया कि यूएनएलएफ ने एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
गृह मंत्री शाह ने तस्वीरें भी शेयर कीं
गृह मंत्री शाह ने अपने X हैंडल पर कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए बताया, 'एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई! पूर्वोत्तर में स्थायी शांति स्थापित करने के मोदी सरकार के अथक प्रयासों में एक नया अध्याय जुड़ गया है क्योंकि यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने आज नई दिल्ली में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।'
मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हुआ UNLF- गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, 'मणिपुर का सबसे पुराना घाटी स्थित सशस्त्र समूह यूएनएलएफ हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने पर सहमत हो गया है। मैं लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में उनका स्वागत करता हूं और शांति और प्रगति के पथ पर उनकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं देता हूं।'
शाह ने कहा- एक ऐतिहासिक उपलब्धि
एक अन्य पोस्ट में गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार की ओर से यूएनएलएफ के साथ आज हस्ताक्षरित शांति समझौता छह दशक लंबे सशस्त्र आंदोलन के अंत का प्रतीक है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वसमावेशी विकास के दृष्टिकोण को साकार करने और पूर्वोत्तर भारत में युवाओं को बेहतर भविष्य प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।'
संगठन पर प्रतिबंध के बाद समझौता
जानकारी के मुताबिक गृह मंत्रालय ने कई अन्य चरमपंथी संगठनों के साथ यूएनएलएफ पर प्रतिबंध लगाया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंध लगाए जाने के कुछ दिनों बाद यह शांति समझौता हुआ। यह निर्णय तब लिया गया जब केंद्र को लगा कि ये संगठन मणिपुर में सुरक्षा बलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल है। यूएनएलएफ मणिपुर में सबसे पुराना मैतेई विद्रोही समूह है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 में की गई थी।