नई दिल्ली. आज 30 जनवरी है। आज ही के दिन 1948 में महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने बिड़ला भवन में गोली मार दी। 30 जनवरी को दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया।
एक हिंदुत्ववादी ने गाँधी जी को गोली मारी थी।
सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गाँधी जी नहीं रहे।
जहाँ सत्य है, वहाँ आज भी बापू ज़िंदा हैं!#GandhiForever pic.twitter.com/nROySYZ6jU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 30, 2022
गांधीजी को गुरुदेव ने महात्मा कहा था: महात्मा गांधी और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के बीच प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक मीठा और आलोचनात्मक संवाद होता रहा। दोनों ने कई मौकों पर एक दूसरे के बारे में जो कहा, उससे पता चलता है कि दोनों एक-दूसरे का काफी सम्मान करते थे। 4 दिसंबर 1922 को महात्मा गांधी की गैर-मौजूदगी में सत्याग्रह आश्रम (साबरमती) में दिया गया टैगोर ने भाषण दिया था, जिसका शीर्षक था - ‘महात्मा कौन होता है?’ इसी तरह महात्मा गांधी के जन्मदिन पर 2 अक्टूबर 1937 को भी टैगोर ने शांतिनिकेतन में भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था- ‘हम उस महात्मा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं जिसने हमेशा सत्य के लिए संघर्ष किया है। यह देश का सौभाग्य है कि एक ऐसे समय में जबकि हमारा देश नए युग के प्रवेश-द्वार पर खड़ा है, वह महात्मा तात्कालिक परिणामों की खातिर कभी भी सार्वभौमिक नैतिकता के मानदंडों से कभी भी विमुख नहीं हुआ।’
गांधीजी ने भी कई मौकों पर टैगोर को बड़े ही भावपूर्ण शब्दों में श्रद्धांजलि दी थी। 20 दिसंबर 1945 को शांतिनिकेतन के कार्यकर्ताओं और शिक्षकों के साथ बातचीत में गांधीजी ने कहा था- ‘मैंने तो अपने और गुरुदेव के बीच कोई वास्तविक विरोध नहीं पाया। शुरू में मुझे गुरुदेव और अपने बीच मतभेद दिखाई पड़ता था, किंतु अंत में मुझे यह सुखद अनुभव हुआ कि हमारे विचारों में कोई विरोध नहीं था।’
पहली बार बोस ने कहा था राष्ट्रपिता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच मतभेदों की बात कही जाती है, लेकिन पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था। नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशीर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था- 'हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।'