नई दिल्ली. कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Former CM Kamalnath) ने 22 नवंबर को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। कमलनाथ ने एक व्यक्ति-एक पद (One Person-One Post) के सवाल पर कहा कि मैं मध्य प्रदेश नहीं छोड़ूंगा। यानी कमलनाथ ने साफ कर दिया कि वो दिल्ली की राजनीति नहीं करेंगे। कमलनाथ फिलहाल मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (PCC Chief) और नेता प्रतिपक्ष (Leader Of Opposition) की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कमलनाथ ने ये भी कहा कि सोनिया गांधी जो कहेंगी, वो करूंगा। दरअसल, कांग्रेस ने राजस्थान में एक व्यक्ति-एक पद का फॉर्मूला लागू किया है। इसके तहत बीते दो दिन में बड़ी सर्जरी हुई। 20 नवंबर यानी शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सभी मंत्रियों इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 21 नवंबर यानी रविवार को 15 मंत्रियों ने शपथ ली।
गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं, नाथ
कांग्रेस में जारी अंतर्कलह के बीच 1 अक्टूबर को सीनियर कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात की।
दस जनपथ पर कमलनाथ के अलावा अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) ने भी सोनिया गांधी से मिलकर उनके साथ चर्चा की। पार्टी में कमलनाथ सोनिया गांधी के भरोसेमंद साथी माने-जाते हैं। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भी कमलनाथ की पकड़ है।
संकट से जूझ रही कांग्रेस
पार्टी अध्यक्ष के साथ सीनियर नेताओं की यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई थी, जब कांग्रेस पार्टी अंदरूनी कलह से जूझ रही थी। तब तो पंजाब कांग्रेस में संकट बरकरार था। एक तरफ जहां पंजाब सीएम पद से इस्तीफा देकर कैप्टन अमरिंदर सिंह अलग राह पर जाने की कोशिश कर थे, तो वहीं दूसरी तरफ जी-23 के असंतुष्ट नेता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल खड़े कर कांग्रेस वर्किंग कमेटी बुलाने की मांग कर रहे थी। हालांकि दोनों मद्दों में बहुत हद तक स्पष्टता आ गई है। कैप्टन ने अपनी पार्टी बना ली है, तो जी-23 की मांग पर वर्किंग कमेटी की बैठक भी हो चुकी है।