नई दिल्ली. मोदी सरकार विकास को लेकर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसी को लेकर अब एक अहम फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अंडर सेक्रेटरी लेवल के अफसरों के रिव्यू का ऑर्डर दिया है। ये रिव्यू केंद्रीय कर्मचारियों और 50 साल की उम्र पार कर चुके अधिकारियों का होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि अंडरपरफॉर्म करने वाले अधिकारियों पर केंद्र पर एक्शन ले सकता है।
रिटायर होंगे अफसर!
ये कवायद इसलिए अहम है, क्योंकि पिछली बार जब ऐसा हुआ था, तब टैक्स डिपार्टमेंट से जुड़े कई अफसरों को समय से पहले रिटायर कर दिया गया था। उनकी परफॉर्मेंस खराब बताई गई थी। इस बार परफॉर्मेंस तय करने का जो आधार बनाया गया है, उसमें छुट्टियों की संख्या, प्रॉपर्टी या ट्रांजैक्शन पर शक, मेडिकल हेल्थ जैसी बातों को गिना जाएगा।
कुछ अफसर राहत के घेरे में
जिन अफसरों का कार्यकाल एक साल का बचा है, उन्हें समय से पहले रिटायर नहीं किया जाएगा। इस पूरे रिव्यू के दौरान अडंर सेक्रेटरी लेवल के पूरे रिकॉर्ड को गिना जाएगा। सरकार के मुताबिक, सर्विस रिकॉर्ड में अधिकारी को मिले टारगेट के अलावा फाइल क्लीयर, पेपर सबमिट समेत अन्य चीजों का भी आंकलन होगा।
पिछले साल से चल रही प्रक्रिया
इस रिव्यू के लिए शुरुआती निर्देश अगस्त 2020 में दिए गए थे। इसमें कहा गया था कि क्या सरकारी अधिकारी को काम जारी रखना चाहिए या फिर पब्लिक इंटरेस्ट में जल्दी रिटायर हो जाना चाहिए। इसके लिए एक फॉर्म बनाया है, जिसमें सभी पॉइंट्स लिखे जाएंगे। सभी मंत्रालयों को पूरा डाटा और इनपुट मुहैया कराना होगा। मंत्रालयों और डिपार्टमेंट को सख्त आदेश दिया गया है कि जो भी फॉर्म दिया जा रहा है, उसका कोई भी कॉलम खाली नहीं रहना चाहिए।