नई दिल्ली. यूक्रेन में युद्ध संकट गहराता जा रहा है। अभी भी वहां कई भारतीयों के फंसे होने से सरकार की चिंता बढ़ रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी को हाईलेवल मीटिंग बुलाई। सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए 4 केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के सीमावर्ती देशों में भेजा जा सकता है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरण रिजिजू और जनरल वीके सिंह को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जा सकता है। ये मंत्री अन्य देशों के साथ तालमेल स्थापित करेंगे और वहां फंसे भारतीय छात्रों की मदद करने के का काम करेंगे।
1300 से ज्यादा छात्र लौटे: यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत अभी तक 6 फ्लाइट यूक्रेन में फंसे 1396 छात्रों को लेकर दिल्ली लौट चुकी हैं। 28 फरवरी सुबह ही एक फ्लाइट 249 छात्रों को लेकर दिल्ली पहुंची। इसके बाद बुडापेस्ट (हंगरी) से 240 छात्रों को लेकर फ्लाइट आई। इससे पहले 26 फरवरी को एक और 27 फरवरी को तीन फ्लाइट दिल्ली लौटी थीं। इन्हें रोमानिया के रास्ते दिल्ली लाया गया। अब तक 1100+ छात्रों को यूक्रेन से निकाला जा चुका है।
20 हजार से ज्यादा नागरिक फंसे थे: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के बयान के मुताबिक, छात्रों और अन्य लोगों को मिलाकर करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन में रहते हैं। सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी हमारा प्रयास है। अभी भी करीब 18 हजार भारतीय यूक्रेन में फंसे हैं। भारतीय दूतावास की ओर से लगातार इन छात्रों की सुरक्षा के लिए एडवाइजरी जारी की जा रही है। 26 फरवरी को जारी एडवाइजरी में छात्रों को यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में जाने को कहा गया था।