नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के पंजाब दौरे में सुरक्षा में चूक पर 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट (SC) में फिर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच एनजीओ (NGO) लॉयर्स वॉयस की याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में कमेटी बनाई जाएगी। इसमें डीजीपी चंडीगढ़, आईजी एनआईए, हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल, एडीएल, डीजीपी पंजाब सिक्योरिटी को भी इसमें शामिल किया जाएगा। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से चल रही जांच को रोका जाए।
यूपी के पूर्व डीजीपी ने भी उठाए थे सवाल: उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने भी सुरक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें पंजाब पुलिस के जवानों गलती नहीं, पंजाब पुलिस के अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व का दोष है। राज्य में सरकार किसी की भी हो, अगर वहां पीएम आ रहे हैं, तो हमें प्रधानमंत्री को हर तरह से सुविधा और सुरक्षा देनी होती है।
ये है मामला: 5 जनवरी को पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिरोजपुर में दौरा था। भारी बारिश के कारण मोदी को सड़क मार्ग से जाना पड़ा लेकिन इस दौरान हुसैनीवाला से 30 किलोमीटर दूर रास्ते में प्रदर्शन हो रहा था। इस कारण उनका काफिला तकरीबन 20 मिनट असुरक्षित क्षेत्र में रुका रहा। जिस इलाके में मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा ड्रग्स तस्करों का गढ़ माना जाता है। पिछले साल सितंबर में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था।
गृह मंत्रालय का पंजाब सरकार पर आरोप: गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा कि PM के कार्यक्रम और ट्रैवल प्लान के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही बता दिया गया था। उन्हें इससे जुड़े इंतजाम करने थे, जो नहीं किए गए। जब यात्रा मार्ग बदल गया तो पंजाब सरकार को अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी थी, ताकि सड़क मार्ग से यात्रा सुरक्षित रहे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।