संसद का विशेष सत्र: पहले दिन संविधान सभा से लेकर 75 साल की संसदीय यात्रा पर होगी चर्चा, 4 विधेयकों को दी जाएगी मंजूरी

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Vikram Jain
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संसद का विशेष सत्र: पहले दिन संविधान सभा से लेकर 75 साल की संसदीय यात्रा पर होगी चर्चा, 4 विधेयकों को दी जाएगी मंजूरी

NEW DELHI. केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र का प्रस्तावित एजेंडा जारी कर दिया है। विशेष सत्र के पहले दिन संसद की 75 सालों की यात्रा पर चर्चा होगी। इसके तहत सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 साल की संसदीय यात्रा’ पर चर्चा की जाएगी। वहीं सत्र के दौरान चार विधेयकों को भी दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।

लोकसभा में ये बिल सूचीबद्ध

सरकार ने संसद के विशेष सत्र को लेकर एजेंडा जारी कर दिया है। लोकसभा और राज्यसभा की तरफ से बुधवार को जारी बुलेटिन में कहा गया है कि 18 सितंबर को संसद के अब तक के सफर पर चर्चा होगी। इसमें संविधान सभा से लेकर अबतक की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, यादों और मिली सीख पर चर्चा होगी। इसके साथ ही जिन चार विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है। उनमें एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एवं आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 राज्यसभा से पारित हो चुका है और लोकसभा में लंबित हैं। इसके साथ ही डाकघर विधेयक 2023 और मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 भी सूचीबद्ध है।

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विशेष सत्र के एजेंडे पर विपक्ष का निशाना

संसद सत्र के एजेंडे के एलान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि आखिरकार सोनिया गांधी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के दबाव के बाद मोदी सरकार ने पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा कर दी है। फिलहाल जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था। मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है! इसके बावजूद INDIA की पार्टियां घातक सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगी।

केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर निशाना साधा

कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने सरकार के विशेष सत्र के एजेंडे पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 2021 में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया, आज की घोषणा हमें बताती है कि संसद के विशेष सत्र में इसी कारण से चर्चा होगी, क्या सरकार विचारों से इतनी विहीन है कि वह 3 साल में एक ही अवसर दो बार मना रही है? या यह ध्यान भटकाने वाली एक और रणनीति है?

17 सितंबर को होगी सर्वदलीय बैठक

बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों में प्रश्नकाल और गैर-सरकारी कामकाज नहीं होगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया साइट एक्स के जरिए बताया कि इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। इस संबंध में आमंत्रण नेताओं को ई मेल से भेज दिया गया है। पत्र भी भेजे जाएंगे।

संसद के विशेष सत्र को लेकर तैयारियां जारी

लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के मुताबिक, 17वीं लोकसभा का 13वां संसद सत्र सोमवार 18 सितंबर 2023 को शुरू होगा। वहीं, राज्यसभा सचिवालय ने बताया कि राज्यसभा का 261वां सत्र भी सोमवार 18 सितंबर से ही शुरू होगा। दोनों सदनों का यह सत्र प्रश्नकाल या निजी सदस्यों के कामकाज के बिना आयोजित किया जाएगा। संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही 18 सितंबर को पुराने भवन में ही शुरू होगी। वहीं, 19 सितंबर से नए संसद भवन में संसद की कार्यवाही होगी। 19 सितंबर को नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत से पहले एक विशेष पूजा भी होगी। नए संसद भवन का उद्घाटन इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

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