Amravati/Bhopal. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं हो सकता। भारत बहुभाषी देश है। हर भाषा का अपना महत्व है। हिंसा से किसी का फायदा नहीं। जिस समाज को हिंसा प्रिय है, वह अंतिम दिन गिन रहा है। हिंसा हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होनी चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को साथ लाना होगा। भागवत ने ये बातें महाराष्ट्र के कंवरराम धाम में कहीं। वे संत कंवरराम के पड़पोते साईं राजलाल मोरदिया के धार्मिक आसन ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि थे।
भागवत के बयान पर मध्य प्रदेश के आईएएस अफसर नियाज खान ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि भारत को एक मजबूत देश बनने की जरूरत है, ना कि एक विभाजित राष्ट्र।
‘अपने देश में लड़ने की जरूरत नहीं’
नियाज ने ट्वीट किया- भागवत जी, मैं आपकी बात से सहमत हूं। आपका एक-एक शब्द सही है। भारत को मजबूत देश बनने की जरूरत है, ना कि विभाजित होने की। हमारे सामने पहले से चीन जैसा दुश्मन है, इससे हम पहले से लड़ रहे हैं। फिर हम अपने लोगों के खिलाफ क्यों लड़ रहे हैं? केवल प्यार, भाईचारा और एकजुटता ही भारत को मजबूत राष्ट्र बना सकते हैं।
कौन हैं नियाज?
मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले नियाज खान 2001 में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने थे। उन्हें 2015 में IAS में प्रमोशन मिला। पहली पोस्टिंग 2002 में रायसेन के मंडीदीप में बतौर डिप्टी कलेक्टर हुई थी। उन्होंने नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों पर धावा बोला था। इस दौरान जान से मारने की धमकी भी मिली थी। इस पर मंडीदीप और बरेली थाने में FIR दर्ज कराई थी। नियाज 7 किताबें लिख चुके हैं। हाल ही में फिल्म कश्मीर फाइल्स पर कमेंट को लेकर चर्चा में आए थे। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों पर हुए अत्याचारों पर भी फिल्म बनानी चाहिए।