मुंबई. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 1 नवंबर देर रात महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री (Ex-Maharashtra home minister) अनिल देशमुख को 13 घंटे से ज्यादा की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया कर लिया। देशमुख 100 करोड़ की वसूली मामले में आरोपी हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HC) में उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दायर किया गया था। इसको लेकर देशमुख ने एजेंसी के समन को रद्द करने की याचिका भी दायर की थी, जिसे 3 दिन पहले ही खारिज कर दिया गया था।
विवादों से है देशमुख का नाता
100 करोड़ रुपए की वसूली मामले से पहले भी देशमुख कई विवादों में फंस चुके हैं। वह भ्रष्टाचार के अलावा आय से ज्यादा संपत्ति रखने और गृह मंत्री रहते अपने पद के गलत इस्तेमाल करने के मामले में भी आरोपी हैं। 17 सितंबर 2021 को उनके मुंबई और नागपुर के कुछ ठिकानों पर छापा मारा था।
देखमुख का मीडिएटर भी गिरफ्तार
रविवार को CBI ने संतोष शंकर जगताप नाम के आदमी को पकड़ा गया। उसे 4 दिन की कस्टडी में भेजा गया। इसे देशमुख का मिडिलमैन बताया जा रहा है। इससे पहले CBI ने कॉन्फिडेंशियल डॉक्युमेंट्स लीक मामले में देशमुख के कई ठिकानों पर छापे मारे थे। 2 सितंबर को देशमुख के वकील आनंद डागा और CBI के ही सब इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को अरेस्ट किया था।
क्या है मामला?
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे (एंटीलिया केस का मुख्य आरोपी) को बार, रेस्तरां और अन्य जगहों से हर महीने 100 करोड़ रुपए जुटाने को कहा था। एंटीलिया केस में शुरुआती जांच पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की देखरेख में ही हो रही थी। इस केस में NIA ने मुंबई पुलिस अफसर सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी के बाद परमबीर सिंह पर कई आरोप लगे और परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर के पद से हटा दिया गया। देशमुख ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से CBI जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा।