नई दिल्ली. मॉनसून सत्र के चौथे दिन भी दोनों सदनों में हंगामा बरपा रहा। पेगासस जासूसी मामले समेत अन्य मुद्दों पर हंगामे के चलते लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसमें तृणमूल सांसद शांतनु सेन को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। सरकार ने उनके निलंबन का प्रस्ताव सदन में रखा। सेन ने 22 जुलाई को संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से दस्तावेज लेकर फाड़ दिए थे। वैष्णव ने इस पर कहा कि तृणमूल का बंगाल में हिंसा का कल्चर है और यही कल्चर वह सदन में लाने की कोशिश कर रही है।
ऐसे हुई घटना
गुरुवार को वैष्णव राज्यसभा में पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान शांतनु ने उनके हाथों से कागज छीन लिया और उसके टुकड़े कर हवा में फेंक दिए।
हरदीप पुरी ने सदन में अपशब्द कहे: शांतनु
राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी विपक्षी सदस्यों के पास पहुंचे और उन्हें आश्वासन दिया कि मंत्री अपना बयान देने के बाद उनके सवालों का जवाब देंगे, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वैष्णव पूरा बयान नहीं पढ़ पाए तो इसे पटल पर रख दिया गया। वहीं, शांतनु ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वे मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया।
कल भास्कर पर रेड के विरोध में संसद ठप हुई थी
22 जुलाई को संसद में दैनिक भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स की रेड का मुद्दा विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया। विपक्षी सदस्यों ने राज्यसभा में भास्कर ग्रुप पर इनकम टैक्स विभाग के छापों का विरोध किया और नारेबाजी की। इसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन भारी हंगामे की वजह से सदन शुक्रवार के लिए स्थगित कर दिया गया था।