New Delhi/Bhopal. देशभर में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच राहत देने वाली खबर है। मौसम विज्ञान के मुताबिक, मॉनसून ने अंडमान सागर और उससे जुड़ी बंगाल की खाड़ी में दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग के आरके जेनामणि ने बताया कि मॉनसून के 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना है। हम लगातार इस पर नजर रख रहे हैं। इससे जुड़े अनुमान जारी किए जाते रहेंगे। पिछले कई दिनों से उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही है। 15 मई को दिल्ली और यूपी के बांदा में मैक्सिमम टेम्परेचर 49 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।
Today it has already arrived over Andaman Sea & adjoining SE Bay of Bengal. We've given the prediction for Kerala, that it will come around 27th May. So, as per the progress and all monitoring, it shows that our prediction will be correct for Monsoon: RK Jenamani, IMD on #Monsoon pic.twitter.com/qC1eHBAIk8
— ANI (@ANI) May 16, 2022
मई में मॉनसून आने का तीसरा मौका
मौसम विभाग के अनुमान को मानें तो बीते 5 साल में ये तीसरा बार होगा, जब मॉनसून मई में केरल से टकराएगा। इससे पहले 2017 और 2018 में मॉनसून केरल में मई के आखिर में टकराया था।
कई राज्यों को राहत मिलेगी
आरके जेनामणि ने कई राज्यों में पड़ी भीषण गर्मी का जिक्र करते हुए कहा कि 15 मई (रविवार) को हीटवेव की स्थिति काफी गंभीर थी। 16 मई को हम पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों के तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट दर्ज कर रहे हैं। कई बड़े 17 मई तक कहीं भी हीट वेव का कहर नहीं होगा। दिल्ली के मौसम को लेकर जेनामणि ने कहा, मार्च महीना असामान्य रहा। पूरे भारत का 122 साल में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। अप्रैल में तीसरा हाईएस्ट टेम्परेचर दर्ज किया गया था। मई में पहले 10 दिन अच्छे रहे। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि यह महीना बहुत असामान्य होगा।
मध्य प्रदेश में भी मॉनसून के जल्द आने की संभावना
मौसम विज्ञानी एके शुक्ला ने बताया कि विभाग ने जो 27 मई को केरल से टकराने की बात कही है, उसमें प्लस-माइनस 4 दिन की संभावना का भी जिक्र किया है यानी मॉनसून केरल में 1 जून को भी हिट कर सकता है। भोपाल में मॉनसून 20-22 जून के आसपास आता है। यदि सबकुछ ठीक रहता है कि इस बार इसके 15-16 मई को आने की संभावना है।
3 दिन प्री-मॉनसून की अच्छी बारिश के आसार
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह के मुताबिक, 18 मई के बाद गर्मी के तेवर धीमे पड़ेंगे। 18 मई से 22 मई तक बादल छाने से कहीं-कहीं बारिश होगी। प्री-मॉनसून में पहली अच्छी बारिश के आसार 22 मई से तीन दिन तक बने रहेंगे। यह स्थिति 25 मई तक रह सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन और इंदौर के कुछ इलाकों में होगा।
बीते 5 साल में मॉनसून आने की तारीख और कब टकराया
साल |
भारत में मॉनसून
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां खरीफ की फसल काफी हद तक मॉनसून पर ही निर्भर है। देश में जितनी बारिश होती है, उसका 70% दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के ही भरोसे है। इसकी शुरुआत मॉनसूनी हवाओं की सामान्य तौर पर हिंद महासागर से आकर 1 जून को केरल के तट से टकराने के साथ शुरू होती है और धीरे-धीरे दो हिस्सों में बंटकर पूरे भारत को कवर कर लेता है। एक हिस्सा बंगाल की खाड़ी से बढ़ता हुआ सबसे पहले हिमालय से टकराकर नॉर्थ-ईस्ट में मॉनसूनी बारिश कराता है। दूसरा हिस्सा अरब सागर से बढ़ता हुआ,पश्चिमी घाट और महाराष्ट्र से आगे चलकर गुजरात और राजस्थान तक बारिश कराता है। उत्तर-पूर्व से बढ़ने वाला मॉनसून ही दिल्ली में बारिश करता है, जिसकी सामान्य तारीख 29 जून है। आमतौर पर जून के आखिर और जुलाई के शुरुआत तक पूरे भारत में मॉनसूनी बादल आसमान को कवर कर लेते है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून भारत में सितंबर-अक्टूबर तक रहता है।
इस बार पड़ी भीषण गर्मी
मध्य प्रदेश- भोपाल में 15 मई को बादल छाने के कारण दिन का टेम्परेचर 43.9 डिग्री दर्ज किया गया। सुबह से शाम तक शहर में थोड़ी, थोड़ी देर के लिए बादल छाए। रात का तापमान 29.4 डिग्री दर्ज किया गया। 24 घंटे में इसमें 0.6 डिग्री की कमी आई। शाम 6 बजे तक तपिश बरकरार रही। शाम 6 बजे भी पारा 42 डिग्री पर था।
राजस्थान- यहां झुलसाने वाली गर्मी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जोधपुर में सड़कों पर पानी छिड़कना पड़ा। बीकानेर में पेड़ों में आग लग गई। हालांकि, ये आग जंगल की वजह से भी हो सकती है। पेड़ों के एक-दूसरे से टकराने के कारण कई बार इनमें आग लग जाती है। चूरू में सबसे मैक्सिमम टेम्परेचर 47.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली-यूपी- दिल्ली में 15 मई को भीषण लू के बीच कई इलाकों का तापमान 49.2 डिग्री दर्ज हुआ। देश के किसी भी शहर के मुकाबले, इस साल यह सबसे ज्यादा टेम्परेचर है। वहीं, UP के बांदा में भी इसी दिन तापमान 49 डिग्री दर्ज किया गया।
और यहां बाढ़ के हालात...
असम कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। इसकी वजह से यहां बाढ़ के हालात हैं। होजाई और पश्चिम कार्बी आंगलॉन्ग जिलों के कई गांवों में पानी भर गया। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने बताया कि लैंडस्लाइड से हाफलॉन्ग में करीब 80 घर प्रभावित हुए हैं। भूस्खलन में 3 लोगों की मौत हो गई। दीमा हसाओ जिले में बाढ़ से रेलवे लाइन बह गईं।