/sootr/media/post_banners/bcb2252b66bdabcaa3e810c1216d2dd328a15fa4e046fcb11758df9971310115.jpeg)
मानवीय संवदेनाओं को हिला देने वाली यह खबर छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) से है। यहां के किरंदुल गांव में रहने वाली एक आदिवासी (Tribal) मां ने अपने बड़े बेटे का शव दो साल से संभाल कर रखा है। वो इसलिए कि पुलिस ने उसे नक्सली (Naxalite) करार देकर मुठभेड़ (Encounter) में मार दिया था। जबकि मां का कहना है कि उसका बेटा नक्सली नहीं था वो तो महुआ बीनने जंगल में गया था। उनके इस दावे के विपरीत सुरक्षाबलों (Forces) का कहना है कि युवक बम बनाने में माहिर था और इनामी नक्सली था।
मां को बेटे पर लगे कलंक के मिटने का इंतजार: मुठभेड़ में मारे गए बदरू की मां माड़वी मार्को ने बताया कि पिता की मौत के बाद घर में बदरू (Badru) ही सबसे बड़ा था, जिस पर परिवार की जिम्मेदारियां थीं. घटना से चार साल पहले बदरू की शादी हुई थी। बदरू पर अपने दो छोटे भाईयों की शादी की भी जिम्मेदारी थी। बदरू के शव को अभी तक रखने के सवाल पर उनकी मां ने रोते हुए बताया कि पुलिस बेवजह ग्रामीणों की हत्या कर रही है। उनके बेटे की हत्या भी नक्सलवाद के नाम पर की गई। उनका कहना है कि जब तक उनके बेटे को इंसाफ नहीं मिलेगा। तब तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
2020 में हुई मुठभेड़ में मारा गया था बदरु: 19 मार्च 2020 को गमपुर के जंगलों में सुरक्षाबल-नक्सली मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में गंगालूर एरिया कमेटी के सदस्य और आईईडी बनाने में माहिर बदरू माड़वी (Badru Madvi) को मार गिराने का दावा सुरक्षाबलों ने किया था। सुरक्षाबलों ने उसे 2 लाख रुपये का इनामी नक्सली बताया था। इस मामले में बदरू के भाई शन्नू ने खुद को चश्मदीद गवाह बताया था। शन्नू ने आरोप लगाया कि उनके भाई को उनके सामने ही मार दिया गया। दो साल बीत गए लेकिन इंसाफ नहीं मिला। ग्रामीणों ने अब तक बदरू के शव को गांव के शमशान किनारे गड्ढा खोदकर सफेद कपड़ों में लपेट कर रखा है। शव पर नमक, तेल और कई जड़ी-बूटियों का लेप भी लगाया गया है। हालांकि शव अब तक कंकाल में बदल चुका है। मगर ग्रामीणों ने शव को, इंसाफ मिलने तक सुरक्षित रखने की बात कही है।
ग्रामीणों को कोर्ट से इंसाफ की आस: मृतक के परिजन कमलू ने बताया कि आज भी शव को गड्ढा खोद कर और कपड़े से बांध कर रखा गया है। ताकि कोर्ट से जांच हो, और बदरू को इंसाफ मिले। वहीं इस मामले में बस्तर आईजी पी सुंदरराज ने कहा है कि मुठभेड़ के बाद शव की शिनाख्त बदरू माड़वी के रूप में हुई थी। इस मामले में पुलिस ने उचित कार्रवाई की थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने शव को जड़ी बूटी लगाकर रखा है। इसकी सूचना पर मामले की जांच की जा रही है। वहीं परिजनों को इस मामले में न्यायालय के संज्ञान लेने की उम्मीद है। परिजनों की मांग है की कोर्ट जब इस मामले को संज्ञान में लेगा और जांच के लिए शव के रिपोस्टमार्टम किया जाएगा। तब ही शव को बाहर निकाला जाएगा।