मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक फैसले की सुनवाई में गुरूवार को कहा कि पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाना गैरकानूनी नहीं है। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक महिला के केस की सुनवाई के दौरान की। महिला की शिकायत थी कि उसके पति ने उसके साथ जबरदस्ती शाराीरिक संबंध बनाए। जिसके कारण उसके कमर के निचले हिस्से में लकवा मार गया है।
7 दिन के अंदर दो अलग-अलग फैसले
मैरिटल रेप के एक और केस में 6 अगस्त को केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि मैरिटल रेप (पत्नी की मर्जी के बगैर संबंध बनाना) क्रूरता है। और यह तलाक का आधार हो सकता है। 7 दिन के अंदर मैरिटल रेप पर देश की दो अदालतों के अलग-अलग फैसलों के बाद बहस खड़ी हो गई है कि मैरिटल रेप अपराध है या नहीं।
कोर्ट ने कहा- पत्नी के साथ संबंध अवैध नहीं
गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान जज एस जे घरत ने कहा कि महिला के आरोप कानूनी जांच के दायरे में नहीं आते हैं। साथ ही कहा कि पति अगर पत्नी के साथ सहवास करे तो इसे अवैध नहीं कहा जा सकता है। उसने कोई अनैतिक काम नहीं किया है। इस कारण आरोपी पति की जमानत कोर्ट ने मंजूर कर दी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि महिला का लकवाग्रस्त होने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
शादी के बाद से जबरदस्ती संबंध- महिला
महिला ने बताया कि उसकी शादी नवंबर 2000 में हुई थी। शादी के एक महीने बाद से पति ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाना शुरू कर दिया। इस कारण महिला का कमर का निचला हिस्सा लकवग्रस्त हो गया। जिसके बाद महिला ने कोर्ट में शिकायत की।