नवजोत सिद्धू को 1 साल की सजा, 34 साल पुराने रोडरेज केस में SC का फैसला

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
नवजोत सिद्धू को 1 साल की सजा, 34 साल पुराने रोडरेज केस में SC का फैसला

Amritsar. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है। मामला 34 साल पुराने एक रोडरेज का था। शीर्ष कोर्ट ने सिद्धू को कठोर (सश्रम) कारावास की सजा सुनाई। सिद्धू को पंजाब पुलिस हिरासत में लेगी। इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ रोडरेज मामले में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था। सिद्धू ने अपनी साफ छवि का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले में उनकी सजा में बदलाव नहीं करने का आग्रह भी किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।



यहां हैं सिद्धू 



सिद्धू इस वक्त पटियाला में हैं। 19 मई को उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया था। सितंबर 2018 में उन्होंने सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की थी।




navjot

महंगाई के खिलाफ हाथी पर प्रदर्शन में हिस्सा लेते सिद्धू।




27 दिसंबर 1988 को हुआ था बुजुर्ग से झगड़ा



सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। इसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।



सेशन कोर्ट ने किया बरी, हाईकोर्ट ने दी सजा



इसके बाद मामला अदालत में पहुंचा। सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने सबूतों का अभाव बताते हुए 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था। इसके बाद पीड़ित पक्ष सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया। 2006 में हाईकोर्ट ने इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को 3 साल कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।



सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ जुर्माना लगाया



हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304IPC से बरी कर दिया। हालांकि, IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को दोषी ठहराया गया। इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई। सिद्धू को सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया।



पीड़ित परिवार की मांग



सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304IPC के तहत कैद की सजा होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया था।


Supreme Court सुप्रीम कोर्ट CONGRESS Patiala पटियाला सजा Navjot Singh Sidhu नवजोत सिंह सिद्धू फैसला mayhem हाथापाई Verdict Sentenced Roadrage Old man रोडरेज बुजुर्ग आदमी