PATNA. नीतीश कुमार ने 8वीं बार सीएम पद की शपथ ली। नीतीश ने हिंदी में ईश्वर की शपथ ली। बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश के बाद तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली। तेजस्वी यादव की मां राबड़ी देवी भी राजभवन पहुंची थीं। शपथ से पहले नीतीश कुमार ने लालू यादव से फोन पर बात की थी।
क्या हो सकता है मंत्रिमंडल का फॉर्मूला ?
इस बात को ठुकराया नहीं जा सकता की इस महागठबंधन में आरजेडी का पलड़ा भारी है। रिपोर्ट्स के अनुसार नई सरकार में 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं। जिनमें 16 आरजेडी और 13 जदयू के हो सकते हैं जबकि एक हम के और दो कांग्रेस के मंत्री बन सकते हैं।
संभावित मंत्रियों की सूची
- आरजेडी से आलोक कुमार मेहता, तेजप्रताप यादव, अनीता देवी, जितेंद्र कुमार राय, चंद्रशेखर, कुमार सर्वजीत, बच्चा पांडेय, अख्तरुल इस्लाम शाहीन, समीर महासेठ, भाई वीरेन्द्र, ललित यादव, कार्तिक सिंह, वीणा सिंह, रणविजय साहू, सुरेन्द्र राम, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, शाहनवाज हो सकते हैं।
बीजेपी ने नीतीश को क्यों नहीं रोका ?
बीजेपी ने नीतीश को इस बार इसलिए भी नहीं रोका क्योंकि पार्टी को ये आभास हो चुका था की नीतीश अब राष्ट्रीय राजनीति में अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं और इसके लिए इन्हें बिहार में लालू यादव और दिल्ली में कांग्रेस की मदद की जरूरत पड़ेगी ही। दूसरा बीजेपी ये समझ चुकी थी कि नीतीश कुमार बिहार में अपनी लोकप्रियता खोते जा रहे हैं।
9 साल में 3 बार धोखा दे चुके हैं नीतीश
- 'आया राम गया राम' वाली राजनीति तो मानो थमने का नाम ही नहीं ले रही। नीतीश कुमार जैसे बड़े नेता भी पार्टी से वफादारी के मामले में बड़े कमजोर नजर आए हैं। ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने पलटी मारी है।
मास्टमाइंड लालू यादव
फिलहाल राजनीति में निपुण लालू यादव दिल्ली AIIMS से ही बिहार की राजनीति खेल गए। हॉस्पिटल में राजनीति का ऐसा दांव चला जिसने बिहार की सत्ता को ही पलट दिया। ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि तेजस्वी यादव को अगर किसी ने गाइड किया है तो वो लालू यादव ने ही किया है।