नोएडा: 81 साल का आर्टिस्ट Digital Rape के आरोप में अरेस्ट, 7 पॉइंट्स में मामला

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Atul Tiwari
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नोएडा: 81 साल का आर्टिस्ट Digital Rape के आरोप में अरेस्ट, 7 पॉइंट्स में मामला

Noida. यहां 16 मई को एक 81 साल के स्केच आर्टिस्ट को अरेस्ट किया गया। उस पर 17 साल की नाबालिग लड़की से डिजिटल रेप का आरोप है। पीड़ित लड़की आरोपी के कर्मचारी की बेटी है, जो पढ़ाई के लिए पिछले 7 साल से आरोपी के साथ ही रह रही थी। इस गिरफ्तारी के बाद 'डिजिटल रेप' एक बार फिर सुर्खियों में है। जानते हैं कि आखिर डिजिटल रेप के बारे में...



1. क्या होता है डिजिटल रेप?



सामान्य रूप से लोगों का मानना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नेकेड तस्वीरें या वीडियो शेयर करना इसकी कैटेगरी में आता है। ये सही नहीं है। डिजिटल रेप का मतलब है- रिप्रोडक्टिव ऑर्गन के अलावा किसी ऑब्जेक्ट मसलन उंगलियां, अंगूठा या किसी वस्तु का इस्तेमाल करके जबरन सेक्स करना। अंग्रेजी में डिजिट का मतलब अंक होता है। साथ ही उंगली, अंगूठा, पैर की उंगली जैसे शरीर के अंगों को भी डिजिट कहा जाता हैं यानी जो यौन उत्पीड़न डिजिट से किया गया हो, उसे डिजिटल रेप कहा जाता है।



2. ये रेप से कितना अलग?



रेप और डिजिटल रेप में फर्क है रिप्रोडक्टिव आर्गन के इस्तेमाल का। कानून की नजर में रेप और डिजिटल रेप में कोई फर्क नहीं। 2012 से पहले डिजिटल रेप छेड़छाड़ के दायरे में था, लेकिन निर्भया केस के बाद इसे रेप की कैटेगरी में जोड़ा गया।



3. अब रेप की नई परिभाषा



दिसंबर 2012 में दिल्ली में निर्भया केस के बाद यौन हिंसा से जुड़े कानूनों का रिव्यू किया गया था। भारत के पूर्व चीफ जस्टिस जेएस वर्मा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने सुझाव दिए। इनमें से कई को अपनाते हुए दशकों पुराने कानून को बदला गया। 2013 में रेप की परिभाषा को फोर्स्ड पीनो-वजाइनल पेनिट्रेशन से बढ़ाया गया। नई परिभाषा के मुताबिक, महिला के शरीर में किसी भी चीज या शारीरिक अंग को जबर्दस्ती डालना रेप माना गया।



4. डिजिटल रेप के 2013 से पहले के 2 चर्चित मामले



i. दो साल की बच्ची से डिजिटल रेप



मुंबई में खून से लथपथ 2 साल की मासूम को अस्पताल लाया गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उसकी वजाइना में उंगलियों के निशान मिले। हालांकि, इस दौरान यौन उत्पीड़न या रेप के कोई संकेत नहीं मिले थे। बाद में पता चला कि उसका पिता ही बच्ची के साथ ऐसी हरकत करता था। इसके बाद उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन उसे IPC के सेक्शन 376 के तहत दंडित या आरोपित नहीं किया गया, जो रेप से संबंधित है।



ii. 60 साल की महिला से डिजिटल रेप



दिल्ली की घटना में ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने एक 60 वर्षीय महिला के साथ डिजिटल रेप किया। 60 वर्षीय महिला अपने एक रिश्तेदार के यहां ऑटो में बैठकर शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी। इस दौरान ऑटो ड्राइवर ने महिला की वजाइना में आयरन रॉड डाल दी थी। एक बार फिर से ड्राइवर को तो गिरफ्तार किया गया, लेकिन IPC के सेक्शन 376 के तहत उसे दोषी नहीं ठहराया गया।



5. सेक्शन 376 की खामियां उजागर होने के बाद बदलाव



मुंबई और दिल्ली में हुई इन 2 डिजिटल रेप की घटनाओं ने IPC के सेक्शन 376 की खामियों को उजागर किया। डिजिटल रेप के तहत हुए अपराध में, जिसमें मूल रूप से उंगलियों या किसी बाहरी वस्तु या मानव शरीर के किसी अन्य हिस्से का यूज कर महिला की गरिमा के साथ खिलवाड़ किया गया था, लेकिन इसे किसी भी सेक्शन के तहत अपराध नहीं माना गया। इसी के बाद रेप की परिभाषा में बदलाव कर डिजिटल रेप को भी इसमें शामिल किया।



6. नोएडा की घटना में क्या हुआ था?



नोएडा पुलिस ने 81 साल के स्केच आर्टिस्ट को 17 साल की नाबालिग युवती के साथ डिजिटल रेप के आरोप में अरेस्ट किया। डिजिटल रेप करने वाला मॉरिस राइडर मूलरूप से प्रयागराज का रहने वाला है और कई साल से नोएडा में रह रहा है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित युवती शुरू में शिकायत दर्ज कराने से डरती थी, लेकिन फिर उसने आरोपी के यौन संबंधों को रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया और बड़े पैमाने पर सबूत जुटाए। इसके बाद उसने ये जानकारी अपने पेरेंट्स का दी। पेरेंट्स की शिकायत पर पुलिस ने डिजिटल रेप का केस दर्ज किया। आरोपी उंगलियों के जरिए पीड़ित का यौन उत्पीड़न करता था।



7. उम्रकैद तक की सजा हो सकती है



IPC के सेक्शन 376 में के तहत मुताबिक, डिजिटल रेप का दोषी पाए जाने पर किसी व्यक्ति को 5 साल की सजा हो सकती है। कुछ मामलों में यह सजा 10 साल या उम्रकैद भी हो सकती है।     


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