यदि आपकी गाड़ी 10 से 15 साल पुरानी है तो अब आपको जल्द ही उसका फिटनेस करवाकर सर्टिफिकेट लगवाना होगा नहीं तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट (Fitness Certificate) अनिवार्य कर दिया है। नंबर प्लेट की तरह दिखने वाला यह सर्टिफिकेट सभी प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों की विंडशील्ड पर लगाना होगा। इस पर गाड़ियों की फिटनेस की एक्सपायरी डेट लिखी होगी। इस बारे में सड़क परिवहन एवं हाइवे मंत्रालय ने ड्राफ्ट और नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
HMV और एलएमवी के लिए अलग-अलग फार्मेट: केंद्र सरकार गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रही है। उसने अब इस मामले में एक बड़ा कदम उठाते हुए पुरानी गाड़ियों पर फिटनेस संबंधी प्रमाणपत्र लगाना कानूनी रूप से जरूरी कर दिया है। फिटनेस सर्टिफिकेट के दो तरह के फॉर्मेट डिजाइन किए गए हैं। भारी वाहनों (heavy motor vehicle) के लिए अलग और छोटे (light motor vehicle) वाहनों के लिए अलग।
टू व्हीलर्स की बॉडी पर लगाना होना सर्टिफिकेट: ऑटो या ई-रिक्शा पर भी फिटनेस सर्टिफिकेट लगाना जरूरी होगा। साथ ही जिन गाड़ियों में विंडशील्ड नहीं है उनमें बॉडी पर ऐसी जगह लगाना अनिवार्य होगा, जहां से वो आसानी से दिख सके। यहां नीले स्टिकर पर पीले रंग से वाहन के फिटनेस की तारीख-महीना-साल (DD-MM-YY) दर्ज होगा। दो-पहिया वाहनों की बात करें तो इनमें जो भी खाली जगह होगी वहां ये फिटनेस सर्टिफिकेट लगाया जाएगा। जैसे कि मडगार्ड या फिर मास्क अथवा एप्रॉन पर।
बड़ा जुर्माना लगाने का भी प्रावधान: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फिटनेस के नए नियम के ड्रॉफ्ट पर अभी 1 महीने तक जनता से सुझाव मांगे हैं। इसके बाद सरकार नए नियम लागू कर देगी। 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने पेट्रोल के अनफिट वाहनों को सड़क से हटाने (ऑफरोड) के निर्णय पर अमल शुरू होगा। परिवहन विभाग के आकड़ों के मुताबिक देश की सड़कों पर अभी 20 साल से पुराने 51 लाख वाहन और 15 साल से पुराने करीब 34 लाख वाहन चलाए जा रहे हैं। नए कानून में फिटनेस के नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर सरकार बड़ा जुर्माना लगाने का प्रावधान भी कर रही है।
पुरानी गाड़ी पर फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं तो स्क्रैप होगा: उल्लेखनीय है कि दिल्ली और हरियाणा में फिटनेस के नए नियम पहले ही लागू किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2022 से इस नियम को सख्ती से लागू करने वाली हैं। नया नियम लागू हो जाने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले पुराने वाहन यदि सड़क पर चलते पाए गए तो उन्हें तत्काल स्क्रैप होने के लिए भेजा जाएगा।