VARANASI. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास यहां स्थित मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड लागू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए मंदिर न्यास की आगामी दिनों में होने वाली बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की बढ़ रही भीड़ के बीच नई व्यवस्था लागू करने पर मंथन जारी हो गया है।
मंदिरों के ड्रेस कोड को लेकर हो रही है चर्चा
देश के कई मंदिरों में दर्शन पूजन करने के लिए ड्रेस कोड का पालन करना होता है। यूपी में भी पिछले दिनों कुछ मंदिरों ने अपने यहां ड्रेस कोड को लेकर निर्देश जारी किए हैं। ऐसे में अब काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड को लेकर चर्चा हो रही है। मंदिर न्यास के अध्यक्ष का कहना है कि यहां दर्शन पूजन करने के लिए पुरुषों को धोती-कुर्ता और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य करने की तैयारी हो है। बता दें कि एक तरफ यहां निशुल्क कार्य करने वाले शास्त्री और अन्य लोगों को एक व्यवस्थित तरीके से सुविधा देने की तैयारी की जा रही है, तो वहीं श्रद्धालुओं के लिए भी ड्रेस कोड लागू करने पर विचार चल रहा है।
सर्दी में चादर और गर्मी में दुपट्टा
काशी विश्वनाथ मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी पीयूष तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए अभी कोई ड्रेस कोड लागू नहीं है। उनका कहना है कि मात्र अर्चकों के लिए दो सेट पोशाक न्यास की तरफ से देने का निर्णय लिया गया है, जिसे लागू किया जाएगा। बता दें कि मंदिर में पुजारी अभी तक धोती पहनते हैं, लेकिन अब उनके लिए जाड़े के समय में चादर और गर्मी में दुपट्टा दिया जाएगा। जिसके ऊपर न्यास का लोगो लगा होगा, जिससे उनकी पहचान होगी।
8 मार्च, 2019 को मोदी के हाथों रखी गई थी मंदिर की आधारशिला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरुप के निर्माण में लगभग पौने तीन वर्ष लगे और इसमें कुल 7 करोड़ रुपए की लागत आई थी। 13 दिसंबर 2021 को मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के नए स्वरुप का लोकार्पण किया था। वहीं 8 मार्च, 2019 को वाराणसी का कायाकल्प करने वाली श्री काशी विश्वनाथ धाम की आधारशिला मोदी के हाथों रखी गई थी।