DELHI: नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, अपने खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से रोक की अपील

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
DELHI: नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, अपने खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी से रोक की अपील

NEW DELHI. पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर विवादों में आईं बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नूपुर ने मांग की है कि कोर्ट उनके खिलाफ दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाएं। नूपुर ने कोर्ट से अपील की है कि कोर्ट देशभर में उनके खिलाफ दर्ज केसों पर एक साथ सुनवाई के लिए निर्देश जारी करें। 





ये हुआ था





बीजेपी की प्रवक्ता रहते हुए नूपुर ने मई महीने में पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद बयान दिया। इससे बाद पूरे देश में बवाल मच गया। नूपुर के बयान के खिलाफ 3 जून को कानपुर में जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई। 10 जून को प्रयागराज, रांची, सहारनपुर, हाथरस समेत देश के कई शहरों में नूपुर के बयान के खिलाफ जुमे की नमाज के बाद हिंसा और उपद्रव हुआ। इसके अलावा 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती और 29 जून को राजस्थान के उदयपुर में नूपुर के सपोर्ट में पोस्ट करने वाले दो लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। 





नूपुर के खिलाफ यहां मामले दर्ज हैं



 



मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नूपुर के खिलाफ 10 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। उन पर सबसे ज्यादा केस पश्चिम बंगाल में हैं। नूपुर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप लगे हैं। इसके अलावा दंगे भड़काने का भी केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा मुंबई में दो, दिल्ली, हैदराबाद और श्रीनगर में एक-एक केस है। सभी जगह नूपुर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का केस दर्ज किया गया है।



 



सुप्रीम कोर्ट ने पिछली याचिका पर नहीं दी थी राहत





नुपुर शर्मा ने पिछले महीने (जून में) भी शीर्ष कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने मांग की थी कि देशभर में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई दिल्ली में हो। नूपुर ने अपनी जान को खतरा भी बताया था। हालांकि, कोर्ट ने नूपुर को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि नूपुर शर्मा द्वारा माफी मांगने और बयान वापस लेने में बहुत देर की गई। कोर्ट ने कहा था कि नूपुर ने जिस तरह से पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है, देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। कोर्ट की फटकार के बाद नूपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली थी।





ये था घटनाक्रम





बीते महीनों में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर देशभर में चर्चा छिड़ी थी। इसी को लेकर 27 मई को बतौर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर एक नेशनल न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने इस्लामी मान्यताओं का जिक्र करते हुए विवादित टिप्पणी की। इस पर विवाद बढ़ा तो बीजेपी ने एक बयान जारी कर बिना नूपुर का नाम लिए सफाई दी और फिर नूपुर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल से निलंबित कर दिया।



सुप्रीम कोर्ट Nupur Sharma विवाद Paigambar Mohammed हिंसा पैगंबर मोहम्मद केस गिरफ्तारी से रोक अपील Controversy Supreme Court Cases Prohibition on Arrest Violence Appeal नूपुर शर्मा