नई दिल्ली. ओबीसी संशोधन बिल (OBC bill) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (ramnath kovind) ने 19 अगस्त को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब राज्यों को अपनी ओबीसी सूची (OBC list) बनाने का अधिकार मिल गया है। इसे हाल ही में संसद के दोनों सदनों से पास कराया गया था। इस बिल के समर्थन में लोकसभा (loksabha) में 385 वोट पड़े थे। जबकि इस बिल के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा था।
जातियों को आरक्षण मिल सकेगा
संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन और राष्ट्रपति की मुहर के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में जातियों को शामिल करने की शक्ति मिलेगी। राज्य अपनी जरुरत के हिसाब से जातियों को ओबीसी लिस्ट में शामिल कर सकेंगे। इससे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय (maratha reservation), गुजरात में पटेल (patel)समुदाय , हरियाणा में जाट समुदाय (jat) और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का मौका मिल सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद विधेयक पेश
मई में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि केवल केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी लिस्ट तैयार कर सके। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने इस पर आपत्ति जाहिर की थी। जिसके बाद इसे बिल को संसद (parliament) में लाया गया था।